Edited By Sunita sarangal,Updated: 30 Jan, 2021 04:27 PM
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार की एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। पंजाब सरकार ने........
चंडीगढ़: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार की एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। पंजाब सरकार ने किसानों से 2015 के फैसले के संदर्भ में अपनी याचिका में मांग की थी कि किसानों द्वारा पराली जलाने के लिए मुआवजे की वसूली करने के दिशा-निर्देश दिए जा सकें। साथ ही इसमें किसानों के खाद्यान्न की बिक्री आय के भुगतान से पर्यावरण क्षतिपूर्ति की राशि वसूल करने की भी मांग की गई थी।
एन.जी.टी. अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अदालत ने कहा कि यह राज्य के लिए पर्यावरणीय कानूनों को लागू करने और 'पोलर पेज' सिद्धांत पर समान उल्लंघन करने वालों से मुआवजे की वसूली के लिए रणनीति तैयार करने के लिए है, जो कानून के अनुसार ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रार्थना के लिए नहीं कहा जाता। उन्होंने कहा कि भले ही आवेदन को सुनवाई के दौरान ऊपर का दर्जा दिया गया हो, लेकिन सुनवाई के दौरान राज्य के वकील का कहना है कि उसे मामले में कोई निर्देश नहीं दिए गए।
जानकारी के अनुसार एनजीटी ने 2015 में राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि पराली जलाने वाले किसानों को दी गई सहायता वापस ले और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करे। ग्रीन पैनल ने कहा था कि पांच उत्तर भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली ने कृषि पराली जलाने से रोकने के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन्हें सख्ती से लागू किया जाए और बकाएदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।