Edited By Vatika,Updated: 26 Feb, 2021 01:06 PM

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से आयोजित किए गए लंच से पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गैरहाजिरी ने नई चर्चा छेड़ दी है।
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से आयोजित किए गए लंच से पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गैरहाजिरी ने नई चर्चा छेड़ दी है। सिद्धू सिर्फ इस लंच से ही नदारद नहीं रहे बल्कि उनकी तरफ से आम चुनावों में कांग्रेस की बंपर जीत पर धारी चुप्पी ने भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा पैदा कर दी है। वैसे पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश रावत के प्रयत्नों के बाद कैप्टन -सिद्धू संबंधों में खटास जरूर कम हुई थी और इसका नतीजा था कि दोनों नेताओं के बीच लंच के बहाने बातचीत भी हुई, लेकिन अब फिर सिद्धू की गैरहाज़िरी ने सवाल खड़ें कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को बुलाया था खाने पर
दरअसल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पोती सहरइंद्र कौर का विवाह है और इस विवाह से पहले कैप्टन की तरफ से पंजाब के सभी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को गुरुवार को लंच पर बुलाया गया था। मुख्यमंत्री के सिसवा स्थित फार्म हाऊस में किए इस समागम में नवजोत सिंह सिद्धू नहीं पहुंचे। जबकि कैप्टन के विरोधी बोले जाने वाले प्रताप सिंह बाजवा ने इसमें हाज़िरी भरकर सभी को हैरान जरूर कर दिया। सभी की नज़रें सिद्धू पर टिकी थी कि वह आते हैं या नहीं क्योंकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ लंच के बाद दोनों के रिश्तों में कुछ गर्माहट आने लगी थी।
मुख्यमंत्री के लंच दौरान बड़ी संख्या में विधायक और मंत्री शामिल हुए। मुख्यमंत्री के साथ छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले प्रताप सिंह बाजवा ने इस निमंत्रण पर हाज़िरी लगवाई जबकि शमशेर सिंह दूल्लो भी नदारद रहे। दूल्लो भी कैप्टन के विरोधी माने जाते हैं। कांग्रेस के राज्य इंचार्ज हरीश रावत के बीच में पड़ने के बाद कैप्टन और सिद्धू के रिश्तों में सुधार आया है। लेकिन सिद्धू का लंच में न पहुंचना विधायकों में चर्चा का विषय बना रहा। चर्चा यह भी चल रही थी कि बजट सैशन के बाद कैप्टन, सिद्धू को कैबिनेट में वापिस ले सकते हैं।
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