Edited By Kamini,Updated: 22 Aug, 2025 06:11 PM

पानी की टंकी पर एक युवक के चढ़ने का मामला सामने आया है।
अमरगढ़ (शेरगिल): पानी की टंकी पर एक युवक के चढ़ने का मामला सामने आया है। गांवों में पंचायती जमीन को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं और कोई भी पंचायती जमीन छोड़ने को तैयार नहीं होता और जो जमीन पर कब्ज़ा करता है, वही उसका मालिक बन जाता है। इसका ताजा उदाहरण गांव बुर्ज में देखने को मिला, जहां पंचायत के साथ 2 सप्ताह तक विवाद चला, जिसे लेकर कब्जाधारी रणजीत सिंह न्याय की गुहार लगाने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ गया, लेकिन लगभग 7 घंटे बाद प्रशासन के समझाने पर वह नीचे उतर आया।
जब इस संबंध में टंकी पर चढ़े रणजीत सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि मैंने यह दो एकड़ जमीन एक लाख 60 हजार रुपये में खरीदी थी, जिसमें से 35 से 40 हजार रुपये इसकी 4 दीवारी बनाने में खर्च हो गए, लेकिन पंचायत अधिकारियों ने मेरे गेट के सामने से दीवार हटा दी, गेट भी बंद कर दिया और समझौते के बावजूद, पंचायत के किसी भी अधिकारी ने मेरी बात नहीं मानी, जिसके चलते मुझे न्याय की गुहार लगाने के लिए टंकी पर चढ़ना पड़ा। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह जमीन पंचायत की है, तो युवक ने कहा कि मैं मानता हूं कि यह पंचायत की है, लेकिन मैंने इसे खरीदा है। कई लोगों ने पंचायत की ज़मीन पर कोठियां बनाकर बैठें हैं, उनसे भी छुड़वाया जाए तो मैं भी छोड़ दूंगा।
इस संबंध में जब गांव के सरपंच मेवा सिंह बुर्ज से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि गांव में कई जगह अवैध कब्जे हैं। हमें सिर्फ़ सड़क के चारों ओर इंटरलॉक लगाने थे ताकि रास्ता चौड़ा हो जाए, इसलिए हमने दीवार हटा दी थी और रणजीत सिंह से पीछे की जगह बढ़ाने को कहा था, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने कहा कि पंचायत द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय को एक कॉलोनी आवंटित की गई थी और इस रणजीत सिंह की भी कॉलोनी में जगह है और उन्होंने अतिरिक्त जगह पर चारदीवारी बना ली है।
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