Edited By Kalash,Updated: 24 Jun, 2025 02:31 PM

देश के 2 चोटी के गैंगस्टर जिनमें एक साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और दूसरा विदेश में बैठा गोल्डी बराड़ में दोस्ती हुई खत्म, दुश्मनी की खिंची लकीरें।
फिल्लौर (भाखड़ी): देश के 2 चोटी के गैंगस्टर जिनमें एक साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और दूसरा विदेश में बैठा गोल्डी बराड़ में दोस्ती हुई खत्म, दुश्मनी की खिंची लकीरें। इसका खुलासा खुद गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर किया। उसने कहा लॉरेंस बिश्नोई गैंग से उसका अब कोई लेना-देना नहीं होगा। इनकी दुश्मनी का फायदा आने वाले दिनों में पुलिस को होने की संभावना है।
लॉरेंस का नाम सलमान खान को धमकी देने से लेकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में आया वहीं गोल्डी बराड़ भी जो खालिस्तान का समर्थक है, लगातार विदेश से अपने साथ लॉरेंस के गैंग को आप्रेट करता रहा। लॉरेंस बिश्नोई खुद साबरमती जेल में है। उसका भाई अनमोल बिश्नोई अमरीका की जेल में है। गोल्डी बराड़ जो पहले गैंग चला रहा था, उसने रास्ता अलग कर लिया है। लॉरेंस गैंग की कमान अब किसके हाथ में होगी देश की एजैंसियों की नजर अब उस पर टिकी है। गोल्डी बराड़ ने कहा 17 जून को श्री गंगानगर राजस्थान में आशीश गुप्ता नामक आदमी पर हमला हुआ था। यह हमला गोल्डी ने रोहित गोदारा से मिलकर करवाया था। इसमें अनमोल बिश्नोई का कोई लेना-देना नहीं था। सोशल मीडिया पर लोग यह कह रहे थे कि यह हमला लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल ने करवाया है। बराड़ कहता है अब हमारा अनमोल बिश्नोई से कोई रिश्ता नहीं है।
दोनों में पड़ी फूट का फायदा मिलेगा पुलिस को
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि यह आवाज गोल्डी बराड़ की है। गोल्डी बराड़ ने कुछ महीने पहले पंजाब पुलिस के डी.एस.पी. विक्रम बराड़ को भी फोन किया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर यह दोनों अलग हो गए तो इसका फायदा अवश्य पुलिस को मिलेगा।
पैसा और बढ़ती ताकत बनी दोनों में झगड़े की वजह
सूत्रों की मानें तो पैसा और दिन प्रतिदिन बढ़ती ताकत ही दोनों में झगड़े का कारण माना जा रहा है। लाॅरेंस बिश्नोई जेल में है इसलिए वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। लॉरेंस के जेल जाने के बाद गोल्डी बराड़ उससे कई गुणा ज्यादा ताकतवर बन गया है। वह मौजूदा समय में कई बड़े अपराधियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गैंग का वर्चस्व बढ़ाने के लिए पहले दूसरे राज्य के गैंगस्टरों के साथ मिलकर अपना नैटवर्क बढ़ाया था अब गोल्डी बराड़ भी वही काम कर रहा है। एक बात तो पक्की है गैंगस्टर कितने भी एक-दूसरे के करीबी रहे हो एक समय के बाद दोस्ती दुश्मनी में बदल जाती है। देश के सबसे बड़े दाऊद के भी करीबी रहे छोटा राजन व अन्य में ऐसी दुश्मनी की लकीरें खिंच गई जिसके बाद उनके गिरोह का पुलिस ने अंत करना शुरू कर दिया।
दोनों गुट दिखाएंगे अपना प्रभाव, पुलिस के लिए भी होगी बड़ी चुनौती
दोनों की दोस्ती में पड़ी फूट के कई परिणाम निकल सकते है। लॉरेंस बिश्नोई का नाम पिछले 4 सालों में सलमान खान को लगातार दी जाने वाली धमकियां और उनके घर पर गोली चलवाने व सिद्धू मूसेवाला की सरेआम गोलियां मरवा कर हत्या करवाने के बाद ज्यादा चर्चा में आया था। एन.आई.ए. की रिपोर्ट के मुताबिक लॉरेंस गैंग में 800 शूटर उसके एक इशारे पर काम करने के लिए तैयार रहते हैं। यही नहीं कैनेडा की सरकार ने यहां तक आरोप लगा दिया था कि भारत सरकार के एजैंट कैनेडा की धरती पर आतंक फैलाने के लिए बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह बयान कैनेडा सरकार ने खालिस्तानी समर्थक निज्जर की गोलियां मारकर हत्या करने के बाद दिया था जबकि भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।
दोनों गैंगों में पड़ी इस फूट से गैंगवार की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है क्योंकि दोनों गैंग अपने-अपने वर्चस्व को मजबूत करने और दूसरे को कमजोर करने की कोशिश करेंगे जो पुलिस और सुरक्षा एजैंसियों के लिए एक चुनौती होगा। अब देश की एजैंसी को 2 अलग-अलग गुटों से सामना करना पड़ेगा। इस गैंगवार में कुछ नए सहयोगी भी शामिल होंगे। अपराध की दुनिया में यह नया मोड़ क्या रंग लाएगा यह देखना बाकी है। इतना तय है लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का अलग होना गैंगवार के नए और खतरनाक अध्याय की शुरूआत कर सकता है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here