कांजली वैटलैंड की खस्ता हालत से विदेशी पक्षियों ने फेरा मुंह

Edited By swetha,Updated: 03 Jan, 2020 01:06 PM

kanjali wetland

कौन से पक्षी आते हैं कांजली वैटलैंड

कपूरथला(महाजन): सरकार और पर्यटन विभाग की लापरवाही के कारण कांजली वैटलैंड में प्रदूषण बढऩे और इसकी खस्ता हालत से जहां शहर वासियों ने इससे मुंह फेर लिया वहीं उत्तरी यूरोपीय देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी भी अब कांजली वैटलैंड आना पसंद नहीं करते जिस कारण दोआबा की शान समझी जाने वाली कांजली वैटलैंड जहां दुनिया के कई प्रकार के अजीब पक्षियों, प्रजातियों के आने से वंचित हो गई है वहीं इसके परिणाम स्वरूप कांजली वैटलैंड की सुन्दरता को बहाल करने के कांग्रेस सरकार के दावे भी हवा-हवाई साबित हुए नजर आए। 

उल्लेखनीय है कि यूरोप में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के कारण झीलें जम जाती हैं जिस कारण विदेशी पक्षी हजारों मील का सफर तय करके पंजाब प्रदेश पहुंचते हैं।जहां हरीके पत्तन के बाद श्री गुरु नानक देव जी की चरण स्पर्श प्राप्त पवित्र काली बेईं पर बनी कांजली वैटलैंड एकमात्र ऐसा स्थान था जो उत्तरी यूरोप के देशों रूस, यूक्रेन, तुर्की, तजाकिस्तान, नार्वे, फिनलैंड, डेनमार्क, स्वीडन से लाखों की 
संख्या में प्रवासी और खूबसूरत नीली आंखों वाले पक्षियों से भरा रहता था लेकिन कुछ वर्षों से प्रशासन की लापरवाही व अनदेखी के कारण विदेशी पक्षी अब कांजली वैटलैंड आना पसंद नहीं करते।

कौन से पक्षी आते हैं कांजली वैटलैंड
ग्रे लैग गूज, बार हैडिड गूज, रुडी शेलडक, यूरेसियन स्पूनबिल, ब्लैक हैडिड गल, ब्राऊन हैडिड गल, प्लेसिस  गल, ग्रेट एग्रेट, ब्लैक हैडिड लिबस, कामन कूट, कामन पोचर्ड, टफ्टेड डक, फेरुजीनियस डक (व्हाइट आइड  पोचर्ड), यूरेशियन विगन, नार्दर्न शवलर, नार्दर्न पिनटेल, गढवाल, ग्रेट कोरमोरेंट, स्नेक बर्ड (अनङ्क्षहगा), काम्ब डक, पाइड एवोकेट, कामन टिल, गारगेन, पेंटेड स्टाक, एशियन ओपन बिल्ड, स्टार्क, मलाड, मार्श सेंड पाइपर, मार्श हैरियर, आसप्रे, विस्कर्ड टर्न, गुल बिल्ड टर्न आदि पक्षी शामिल हैं।

क्यों नहीं पहुंच रहे विदेशी पक्षी
पंजाब में 10 वर्ष तक राज करने वाली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा इसे अनदेखा किए जाने व मौजूदा कांग्रेस सरकार द्वारा कांजली के सौंदर्यीकरण हेतु ग्रांट जारी करने के झूठे वायदे किए जाने और पर्यटन विभाग द्वारा भी इस ओर ध्यान दिए जाने के कारण वर्षों से कांजली सैरगाह अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। सरकारों की अनदेखी के कारण कांजली बेईं में गंदगी और बूटी जमा होने के कारण इसकी सुंदरता को ग्रहण लग गया है जिस कारण यहां अब शहर निवासियों के अलावा विदेशी पक्षी भी आने से कतराने लगे हैं।

इस प्रोजैक्ट को करवाया जाएगा चालू : डी.सी.
इस संबंधी कपूरथला के डिप्टी कमिश्नर दीप्ति उप्पल ने कहा कि कांजली वैटलैंड की सुन्दरता को बहाल करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। मैंने अभी-अभी चार्ज संभाला है और कांजली के प्रोजैक्ट संबंधी पूरी जानकारी हासिल करके इस प्रोजैक्ट को चालू करवाया जाएगा। 

कपूरथला प्रशासन से कांजली संबंधी मांगी जाएगी पूरी रिपोर्ट : पर्यटन विभाग मंत्री
इस संबंधी पर्यटन विभाग मंत्री चरनजीत चन्नी ने कहा कि जानकारी प्राप्त हुई है। कपूरथला प्रशासन से कांजली संबंधी पूरी रिपोर्ट मंगवाई जाएगी, जिसको लेकर जल्द ही प्रोजैक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।  

हरीके पत्तन बर्ड सैंक्चुरी पहुंचे विदेशी पक्षी
हरीके पत्तन स्थित बर्ड सैंक्चुरी में इन दिनों लाखोंं की संख्या में विदेशी पक्षी पहुंच चुके हैं। जो पक्षी पहले कांजली वैटलैंड आते थे, वे अब यहां आने की बजाय हरीके पत्तन स्थित बर्ड सैंक्चुरी पहुंच रहे हैं जिन्हें देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। वहीं भारी संख्या में विदेशी पक्षियों के बर्ड सैंक्चुरी में पहुंचने से वहां के स्थानीय विभाग में भी काफी खुश है। कपूरथला प्रशासन व पर्यटन विभाग को चाहिए कि वे कांजली वैटलैंड की हालत में सुधार लाने के लिए इस ओर गंभीरता दिखाएं ताकि यहां आने वाले विदेशी पक्षियों के खूबसूरत नजारे का शहर निवासी आनंद ले पाएं।

कांजली के सौंदर्यीकरण हेतु सरकार दिखाए गंभीरता : संत सीचेवाल
पर्यावरण प्रेमी पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल का कहना है कि झीलों को बचाना सरकार का कत्र्तव्य होता है परंतु सरकार के राजनीतिज्ञों ने भी कांजली में छोड़े जाने वाले स्वच्छ पानी को बंद करवा दिया था। स्वच्छ पानी को बंद किए जाने के कारण यहां गंदगी ने अपना डेरा जमाया हुआ है। उन्होंने कहा कि कांजली की ओर सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए और पवित्र कांजली बेईं में पड़ रहे गंदे पानी को बंद करवाना चाहिए। इसके अलावा इसके सौंदर्यीकरण हेतु सरकार को गंभीरता दिखाते हुए तुरंत ग्रांट जारी कर काम शुरू करवाना चाहिए।

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