Edited By Kamini,Updated: 23 Jan, 2023 07:42 PM

पंजाब के राजस्व अधिकारी एक बार फिर से विजिलेंस के साथ टकराव में आ गए हैं।
जालंधर (नरेंद्र मोहन) : पंजाब के राजस्व अधिकारी एक बार फिर से विजिलेंस के साथ टकराव में आ गए हैं। इस बार रेवेन्यू अधिकारियों ने जांच कर रहे विजिलेंस ब्यूरो को किसी प्रकार का रिकॉर्ड न देने का फैसला किया है। राजस्व अधिकारियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद पुलिस द्वारा बिना सक्षम अथॉरिटी के राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमे करने का सिलसिला जारी है।
आज पंजाब के राजस्व अधिकारियों की एसोसिएशन की एक बैठक अध्यक्ष गुरदेव सिंह धम की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से हुई, जिसमें विजिलेंस ब्यूरो की अनावश्यक दखलअंदाजी पर विरोध प्रकट किया गया। बैठक में इस बात पर भी नाराजगी प्रकट की गई के विजिलेंस विभाग, विजिलेंस ब्यूरो को स्पष्ट तौर पर निर्देश क्यों नहीं दे रहा जिसमें यह बात कही गई हो कि बिना विभागीय अनुमति के किसी अधिकारी के विरुद्ध इस प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता। यह रोष प्रकट किया गया कि विजिलेंस ब्यूरो और पुलिस नियमों के विरुद्ध चलकर कार्रवाई कर रही है। इस मामले में एस.एस.पी लुधियाना द्वारा बिना सक्षम अधिकारियों की अनुमति से राजस्व अधिकारी के विरुद्ध शुरू की गई जांच का भी जिक्र किया गया। बैठक में कहा गया के अवैध कालोनियों की लापरवाही हाउससिंग और लोकल बॉडी की है और इस मुद्दे को जानबूझकर उठाकर इसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों को लपेटा जा रहा है।
बैठक में इस बात को दोहराया गया कि राज्य के राजस्व अधिकारियों ने संबंधित मंत्री और एफ.सी.आर. को इस बात के लिए अवगत करवा दिया था कि सरकार अगर चाहे तो रजिस्ट्रेशन का कार्य किसी अन्य विभाग को दे सकती हैं विशेष रूप से हाउसिंग एवं स्थानीय निकाय विभाग को। राजस्व अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उनके पास रजिस्ट्रेशन का कार्य रहते हुए वह किसी को भी इस मामले में दखलअंदाजी करने और उन्हें परेशान करने की अनुमति नहीं दे सकते।
बैठक में यह भी बताया गया कि हाउसिंग विभाग ने सब रजिस्ट्रार और जूनियर सब रजिस्ट्रार को एन.ओ.सी का परीक्षण करने की अनुमति दी है। परंतु इसके लिए कोई उपबंध नहीं किया गया कि अगर कोई एन.ओ.सी गलत पाई जाती है तो उसे वहीं पर रोक दिया जाए। राजस्व अधिकारियों ने इस बात पर भी नाराजगी प्रकट की कि अभी तक हाउसिंग विभाग ने कोई लॉगिन अथवा पासवर्ड भी नहीं दिया। राजस्व अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनके पास लिखित रूप में कोई निर्देश नहीं आता वह एन.ओ.सी को देना जारी रखेंगे।
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