नशे के खिलाफ STF के फिर चीफ बने हरप्रीत सिद्धू

Edited By Vatika,Updated: 19 Jul, 2019 11:01 AM

harpreet sidhu becomes chief of stf

पंजाब पुलिस ने आखिरकार ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिंह सिद्धू को ही नशे के खिलाफ एस.टी.एफ. की फिर कमान सौंप दी है। सत्ता संभालने के बाद कैप्टन अमरेंद्र ने नशे के खिलाफ अभियान के लिए एस.टी.एफ. गठित की थी।

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब पुलिस ने आखिरकार ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिंह सिद्धू को ही नशे के खिलाफ एस.टी.एफ. की फिर कमान सौंप दी है। सत्ता संभालने के बाद कैप्टन अमरेंद्र ने नशे के खिलाफ अभियान के लिए एस.टी.एफ. गठित की थी। डैपुटेशन पर गए ए.डी.जी.पी. सिद्धू को वापस बुलाकर एस.टी.एफ. की कमान दी थी लेकिन पुलिस उच्चाधिकारियों में बढ़े विवाद के कारण उन्हें चीफ के पद से हटाकर साइडलाइन कर दिया था।
 

हर रोज नशे की वजह से हो रही युवाओं की मौत
वीरवार को पुलिस अधिकारियों के तबादलों दौरान ही सिद्धू को दोबारा एस.टी.एफ. की जिम्मेदारी सौंपने का फरमान जारी किया गया। सूत्रों मुताबिक फैसला अचानक ही नहीं लिया है, बल्कि कुछ माह से लगातार नशे की वजह से हो रही युवाओं की मौतों ने सरकार को झकझोरा है। इसे आधार बनाकर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार की खिंचाई कर रही हैं। विभिन्न एजैंसियों से फीडबैक में भी यही तथ्य सामने आ रहे थे कि लोग भी पंजाब सरकार की नशे के खिलाफ कार्रवाई के दाबों पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। इसका नतीजा है कि मुख्यमंत्री के साथ विशेष प्रिंसीपल सचिव के तौर पर तैनात चले आ रहे ए.डी.जी.पी. सिद्धू को दोबारा एस.टी.एफ. चीफ की जिम्मेदारी सौंपने जैसा कदम उठाया गया।

डी.जी.पी. से विवाद बढऩे के बाद कैप्टन ने ही हटा दिया था 
पता चला है कि जिम्मेदारी देने से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र और ए.डी.जी.पी. सिद्धू के बीच लंबी चौड़ी चर्चा हुई क्योंकि पहले-पहल एस.टी.एफ. चीफ सीधे सी.एम. को रिपोर्ट करता था लेकिन अधिकारियों में विवाद बढऩे के बाद शक्तियों को कम करते हुए पद को डी.जी.पी. पंजाब के अधीन कर दिया गया था। इसके बाद विवाद और बढ़ गया तथा सिद्धू की ही मांग पर उन्हें पद से हटा लिया था।  दरअसल, गठन के बाद पहली ही एफ.आई.आर. सिद्धू के नेतृत्व में जालंधर के चर्चित तत्कालीन पुलिस इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में नशा और हथियार बरामद किए थे। यह पहली ही एफ.आई.आर. इस तथ्य को साबित कर रही थी कि पंजाब में नशा तस्करों और पुलिस अधिकारियों के बीच बड़े गहरे संबंध हैं। हालांकि यही एफ.आई.आर. पंजाब पुलिस और एस.टी.एफ. के अधिकारियों के बीच खींचतान व विवाद का कारण बनी थी। हरप्रीत सिंह सिद्धू को एस.टी.एफ. चीफ पद से हटाए जाने के बाद सितम्बर 2018 में यह पद डी.जी.पी. मोहम्मद मुस्तफा और फिर ए.डी.जी.पी. गुरप्रीत कौर दिओ ने संभाला।

नए डी.जी.पी. को मिला चार्ज
नए प्रमोट हुए डी.जी.पी. प्रबोध कुमार को विशेष डी.जी.पी. और डायरैक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन, जबकि रोहित चौधरी को डी.जी.पी. पॉलिसी एंड रूल्स का काम दिया गया है। वहीं, इकबाल प्रीत सिंह सहोता को विशेष डी.जी.पी. आम्र्ड बटालियन जालंधर का जिम्मा दिया गया है। ए.डी.जी.पी. गुरप्रीत कौर दिओ को ए.डी.जी.पी. क्राइम और परवीन कुमार सिन्हा को कार्यकारी ए.डी.जी.पी. जेल्स लगा दिया है।

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