Edited By Vatika,Updated: 15 Dec, 2025 05:14 PM

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग
रूपनगर: पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग 20 दिसंबर को स्कूल प्रबंधन समितियों (एस.एम.सी.) के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से प्रदेश भर के सभी स्कूलों में अभिभावकों की भागीदारी पर वर्कशॉप और मेगा पी.टी.एम. नामक वर्कशाप की एक व्यापक श्रृंखला का आयोजन कर रहा है।
रयात बाहरा विश्वविद्यालय में स्कूल अध्यापकों की बैठक को संबोधित करते हुए बैंस ने कहा कि इस श्रृंखला की पहली वर्कशॉप 20 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को सशक्त बनाना है। सरकार चाहती है कि प्रत्येक अभिभावक को बच्चे की शैक्षणिक प्रगति, सरकारी स्कूलों के योगदान और स्कूल विकास में उनकी भूमिका के बारे में स्पष्ट जानकारी हो। यह प्रयास बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए घर और स्कूल के बीच एक मजबूत सेतु का काम करेगा। रयात बाहरा विश्वविद्यालय पहुंचने पर हरजोत बैंस का स्वागत विश्वविद्यालय के चांसलर गुरविंदर सिंह बाहरा और ग्रुप वाइस-चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) संजय कुमार ने किया।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षा क्रांति के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि इस पहल के तहत बड़े स्तर पर बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण, स्कूल ऑफ एमिनेंस की स्थापना और सरकारी स्कूलों में सुविधाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसमें स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान प्रयोगशालाएं और चारदीवारी शामिल हैं। बैंस ने बताया कि 12,000 सरकारी स्कूलों को नई/मरम्मत की गई चारदीवारियों, कक्षाओं, शौचालयों और खेल मैदानों से उन्नत करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।
इसके अलावा, 118 मौजूदा सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को उन्नत सहकर्मी शिक्षण (एडवांस्ड पीयर लर्निंग) के लिए हाई-टेक “स्कूल ऑफ एमिनेंस” में परिवर्तित किया गया है। मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्रांति का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों को प्रतिस्पर्धी बनाना और पंजाब के हर बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है, जिसमें मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास और तकनीकी प्रगति पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकारी स्कूलों के स्टाफ सदस्यों से सहयोग की अपील की।