जब सतलुज का बांध तोड़ने आ गए खुद सरकारी अफसर, गांव वालों ने भगाया, पढ़ें देर रात क्या हुआ

Edited By Kamini,Updated: 05 Sep, 2025 01:36 PM

government officials came to break the dam of sutlej

प्रशासन के अधिकारी जहां बांध तोड़ने आए है तो वह बड़ी संख्या में एकत्र होकर प्रशासन की गाड़ियों को घेर लिया।

फिल्लौर (भाखड़ी): रात के अंधेरे में सरकारी अफसर खुद सतलुज बांध तोड़ने आए थे। रात साढ़े 8 बजे लुधियाना का प्रशासन जिनके साथ सिविल वर्दी में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी भी शामिल थे, फिल्लौर के नजदीकी गांव लसाड़ा में पहुंचे। अधिकारी जो अपने साथ पोकलेन मशीन लेकर आए थे उनकी मंशा थी लसाड़ा और नवांशहर की तरफ जाते हुए गांव पंदरावल के बीच पड़ते सतलुज दरिया के बांध को तोड़ लुधियाना के सुसराली गांव जहां सतलुज दरिया पूरे उफान पर चल रहा है, को बचाना। जैसे ही गांववासियों को पता चला कि लुधियाना प्रशासन के अधिकारी जहां बांध तोड़ने आए है तो वह बड़ी संख्या में एकत्र होकर प्रशासन की गाड़ियों को घेर लिया।

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गांववासियों की अधिकारियों के साथ जमकर तकरार हुई। लोगों का बढ़ता रोष देख लुधियाना का प्रशासन जिनके काफिले में एक एस.डी.एम. की गाड़ी भी थी, वहां से भाग निकला। लोगों ने गुरुद्वारों में जाकर अनाऊंसमैंट करवा दी जिसके बाद आज सतलुज दरिया के किनारे पड़ते सभी गांववासी पूरी रात अपने बांध बचाने की पहरेदारी करेंगे। स्थानीय प्रशासन ने लुधियाना प्रशासन की कार्रवाई की शिकायत डी.जी.पी. पी.के. सिन्हा को फोन पर दे दी है।

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प्राप्त सूचना के अनुसार आज रात्रि साढ़े 8 बजे लुधियाना प्रशासन की सरकारी गाड़ियों का बड़ा काफिला गांव लसाड़ा में अचानक से दाखिल होना शुरू हो गया। इस काफिले के गांव में आने से पहले ही अफवाह फैला दी गई कि लसाड़ा से नवांशहर के बीच पड़ते गांव पंदरावल में बांध टूट गया है जहां बांध जोड़ने के लिए जे.सी.बी. मशीनें चाहिएं। फिल्लौर से समाजसेवी मनदीप सिंह अपने साथियों के साथ जे.सी.बी. मशीन लेकर वहां बांध जोड़ने पहुंचे तो वह हैरान हो गए कि वहां बांध कोई टूटा ही नहीं था। उसके कुछ ही देर बाद लुधियाना प्रशासन का काफिला वहां अपनी मशीन लेकर पहुंच गया। इतनी बड़ी संख्या में सरकारी गाड़ियां और अधिकारी देख गांववासी भी वहां पहुंचने शुरू हो गए।

गांववासियों के पुछने के मुताबिक प्रशासन ने उनसे कहा कि सतलुज दरिया के दूसरी तरफ लुधियाना के सुसराली गांव का बांध बिल्कुल कमजोर पड़ चुका है किसी वक्त भी वह टूट सकता है और वहां बाढ़ आ सकती है। इसलिए लसाड़ा से पंदरावल के बीच जहां दरिया का बहाव कम है, वहां से अगर थोड़ा-सा बांध तोड़ कर पानी निकाल दिया जाए तो लुधियाना में बाढ़ आने का खतरा टल सकता है। यह बात सुनते ही ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने तुरंत दूसरे गांव के लोगों को भी वहां बुला लिया जिन्होंने प्रशासन की गाड़ियों को घेरा डाल लिया। लोगों का बढ़ता रोष देख लुधियाना से सिविल वर्दी में आई पुलिस अधिकारियों को गाड़ियों में बैठाकर काफिले को भगा कर वहां से निकलने में कामयाब हो गई।

ग्रामीणों ने सरकारी अधिकारियों की गाड़ियां घेरने के लिए फिल्लौर तक लोगों को फोन किए। जब तक लोग सड़कों तक पहुंचते, तब तक काफिला लुधियाना की तरफ निकलने में कामयाब हो चुका था। ग्रामीणों ने बताया कि जब दरिया में पानी बिल्कुल कम था तो लुधियाना के ससुराली गांव में एक विधायक व उनके लोगों द्वारा जमकर माईनिंग की गई जिससे वहां दरिया का वह भाग बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच गया अब तेज बहाव पानी के आगे वह बांध कमजोर पड़ चुका है।

विधायक अपनी नाकामी बचाने के लिए लुधियाना के प्रशासन पर दबाव डाल उन्हें फिल्लौर भेज दिया। अगर वे बांध तोड़ने में कामयाब हो जाते तो सुबह तक फिल्लौर से लेकर नवांशहर तक सभी गांव बाढ़ के पानी में डूब जाते। ग्रामीण दविंदर लसाड़ा ने बताया कि सतलुज दरिया के किनारे लगते सभी गांवों में गांववासियों ने संदेश भेज दिए हैं। आज पूरी रात सभी गांववासी बांध की रक्षा के लिए दरिया के किनारे पहरे पर बैठेंगे। यहां कहीं भी लुधियाना प्रशासन की गाड़ियां नजर आई तो सभी एक-दूसरे को फोन कर वहीं इकट्ठे हो जाएंगे। लुधियाना प्रशासन के विरुद्ध कड़ी कार्ररवाई की जानी चाहिए। पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूछने पर बताया लुधियाना प्रशासन ने फिल्लौर पहुंच कर आज रात्रि जो कुछ भी करने की कोशिश की उसकी पूरी जानकारी डी.जी.पी. पी.के. सिन्हा को फोन कर दे दी गई है।

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