Edited By Subhash Kapoor,Updated: 21 Aug, 2025 07:49 PM

एक समय था जब हर व्यक्ति 50 हज़ार रुपये प्रति माह कमाने का सपना देखता था, लेकिन आज के दौर में 1 लाख रुपये प्रति माह भी घर खर्च और जीवन शैली चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
पंजाब डैस्क : एक समय था जब हर व्यक्ति 50 हज़ार रुपये प्रति माह कमाने का सपना देखता था, लेकिन आज के दौर में 1 लाख रुपये प्रति माह भी घर खर्च और जीवन शैली चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये की वास्तविक कीमत समय के साथ लगातार घट रही है और इसका सबसे बड़ा कारण महंगाई है। पिछले दो दशकों में भारत में औसत महंगाई दर लगभग 6% रही है। इसका असर आम जनता की जेब पर सीधे तौर पर पड़ा है। वहीं चीज़ें जो पहले कम पैसों में खरीदी जा सकती थीं, अब उनके लिए दोगुनी या तीन गुना कीमत चुकानी पड़ती है। उदाहरण के तौर पर, 20 साल पहले एक परिवार का पूरे महीने का राशन केवल 1,500 रुपये में आता था, जबकि आज वही राशन खरीदने के लिए 15,000 रुपये भी पर्याप्त नहीं हैं।
भविष्य में महंगाई और बढ़ सकती है
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर वर्तमान महंगाई दर इसी तरह बनी रहती है, तो अगले 20 सालों में 1 लाख रुपये की खरीद शक्ति 3.2 लाख रुपये तक घट सकती है। वहीं, 30 साल बाद यह खर्चा 5.74 लाख रुपये तक पहुँच सकता है।
निवेश की आवश्यकता
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ कमाई करना पर्याप्त नहीं है। यदि आपका निवेश महंगाई दर से कम रिटर्न दे रहा है, तो आपकी पूंजी समय के साथ कमजोर हो सकती है। इसलिए यह आवश्यक है कि लोग अपने पैसे को ऐसे निवेश माध्यमों में डालें जहाँ रिटर्न महंगाई से अधिक हो, जैसे म्यूचुअल फंड, SIP या लंबे समय की योजनाएँ।
विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि आमदनी में वृद्धि का मतलब यह नहीं कि आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो रही है। जब तक आपके पैसे की खरीद शक्ति नहीं बढ़ती, आप महंगाई की रफ्तार से पीछे ही रहेंगे।