Edited By Sunita sarangal,Updated: 14 Feb, 2020 03:21 PM
कहते हैं कि शौक का कोई मूल्य नहीं होता और न ही पूरा करने की कोई उम्र होती है।
तलवंडी साबो(मनीष): कहते हैं कि शौक का कोई मूल्य नहीं होता और न ही पूरा करने की कोई उम्र होती है। इस बात की मिसाल है बठिंडा के गांव तुंगवाली में रहने वाले किसान गुरचरन सिंह, जिनके चर्चे न केवल इलाके में, बल्कि सोशल मीडिया पर भी हो रहे हैं।
पेशे से किसान गुरचरन सिंह ने बताया कि इस साइकिल को तैयार करने का मकसद आजकल के बच्चों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करना था। बच्चों को प्रेरित करने के लिए वह कुछ अलग करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि पहला साइकिल तैयार करने में उन्हें काफी दिन लगे और लकड़ी भी बहुत वेस्ट हुई, लेकिन अब वह 2-3 दिन में साइकिल तैयार कर लेते हैं।
लकड़ी के इस साइकिल को देखने के लिए जहां आस-पास के लोग लगातार आ रहे हैं, वहीं लोगों द्वारा साइकिल बनाने के आर्डर भी आने लगे हैं। बता दें कि फसली चक्र से निकलकर सहायक धंधे अपनाने वाले गुरचरन सिंह शहद के काम में भी बहुत नाम कमा चुके हैं और किसानों के लिए मिसाल बने हुए हैं।