Edited By Vatika,Updated: 26 Apr, 2022 01:36 PM

हैरोइन व अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से सख्त कदम
अमृतसर (नीरज): हैरोइन व अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और अलग-अलग सुरक्षा एजैंसियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ज्यादातर बड़े व नामी तस्करों को जेलों के अन्दर भेज रखा है। इसके बावजूद कभी आईसीपी अटारी तो कभी गुजरात तो कभी मुंबई की समुद्री बन्दरगाहों के जरिए क्विंटलों के हिसाब से चिट्टा मंगवाया जा रहा है जिससे सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरकार क्विंटलों के हिसाब से चिट्टा कौन मंगवा रहा है और क्या इसका मास्टरमाइंड कभी सुरक्षा एजैंसियों के हाथ लग पाएगा? आमतौर पर यही देखने में आया है कि सुरक्षा एजैंसियों की जांच कुरियरों की गिरफ्तारी तक ही सीमित रहती है जबकि एजैंसियां चाहें तो चिट्टा बेचने वालों की पूरी की पूरी चेन पकड़ सकती हैं।
205 किलो हैरोइन का केस भी बना रहस्य
तरतारन व अमृतसर में सरगर्म तथाकथित कारोबारी को डीआरआई की तरफ से 205 किलो हैरोइन के मामले में गिरफ्तारी होने के बाद यह केस भी अन्य एजैंसियों के लिए एक रहस्य बन चुका है हालांकि इस केस में वही तकनीक का प्रयोग किया गया है जो वर्ष 2021 में मुंबई के जीएनपीटी पोर्ट पर तीन सौ किलो हैरोइन के केस में गिरफ्तार तरनतारन निवासी प्रभजीत सिंह ने किया था। प्रभजीत ने टॉक पाउडर की आड़ में हैरोइन मंगवाई थी जबकि 205 किलो वाले केस में गिरफ्तार आरोपी ने जिप्सम पाउडर की आड़ में हैरोइन की खेप मंगवाई है।
102 किलो हैरोइन केस में भी तस्करों का बड़ा नैटवर्क
आईसीपी अटारी पर कस्टम विभाग की तरफ से जब्त की गई 102 किलो हैरोइन की खेप के मामले में भी तस्करों का एक बड़ा नैटवर्क काम कर रहा है। इस नैटवर्क का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तस्करों ने जिस प्रकार से मुलटठी की खेप में लकड़ी की गोलनुमा टुकड़ों में हैरोइन छिपाई थी उसके लिए स्पैशल ड्रिल का प्रयोग किया गया लगता है। जिस प्रकार से हैरोइन को छिपाया गया था उसको ट्रेस कर पाना भी आसान नहीं था लेकिन कस्टम विभाग के चौकन्ने अधिकारियों ने तस्करों के इरादों को नाकाम कर दिया।
532 किलो वाले केस में व्यापारी के साथ गिरफ्तार किया गया था CHA
आईसीपी पर कस्टम विभाग की तरफ से बनाया गया 102 किलो हैरोइन का केस जून 2019 में बनाए गए 532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिक्सड नॉरकोटिक्स के केस से मिलता जुलता है अन्तर सिर्फ इतना है कि 532 किलो वाले केस में पाकिस्तानी सेंधा नमक की आड़ में हैरोइन मंगवाई गई जबकि इस बार मुलटठी की आड़ लेकर हैरोइन मंगवाई गई लेकिन तब की जांच में नमक व्यापारी के साथ साथ सीएचऐ व ट्रांसपोर्टरों को भी गिरफ्तार किया गया था। इस ताजा मामले में भी कुछ इसी प्रकार की जांच संभावित है।
बीएसएफ के कंट्रोल में नहीं आ रहा ड्रोन
बीएसएफ की तरफ से सभी बीओपीज पर सख्त पहरा दिए जाने के बावजूद पाकिस्तान व भारतीय तस्करों की तरफ से प्रयोग किया जाने वाला ड्रोन काबू में नहीं आ रहा है। आलम यह है कि छोटे तस्करों ने भी जो किलो दो किलो की सप्लाई करने वाले हैं उनके करिन्दों ने भी छोटे ड्रोन खरीद रखे हैं हाल ही में हवेलियां गांव के तस्कर जगगी से पुलिस ने दो ड्रोन जब्त किए हैं जबकि बीएसएफ ने ड्रोन की सूचना देने वाले को एक लाख रुपया इनाम देने की घोषणा कर दी है।