Edited By Tania pathak,Updated: 31 Jul, 2020 04:26 PM
उन्होंने कहा कि देश के लिए पुत्र कुर्बान करने वाली माँ का देना कोई भी नहीं दे सकता परन्तु फिर भी उन्होंने अपनी तरफ से उसे 5000 रुपए प्रति महीना पैंशन देने के अलावा...
अमृतसर, मानसा (सुमित खन्ना): मानसा के गांव कुसला के कारगिल जंग में शहीद हुए निर्मल सिंह की बुज़ुर्ग मां की मदद के लिए 'सर्बत दा भला' चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा. एसपी सिंह ओबरॉय आगे आए है। कारगिल शहीद निर्मल सिंह की दिहाड़ियों कर अपना गुज़ारा करने वाली बुज़ुर्ग माँ की हालत देख कर आज विशेष तौर पर शहीद के गाँव पहुंचे डा. ओबेरॉय ने बताया कि जब उनको देश के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीद की बुज़ुर्ग माता के बेहद दयनीय हालातों के बारे पता लगा तो उनका मन पसीज गया। इसके बाद वह तुरंत माता को मिलने के लिए पहुँच गए।
उन्होंने कहा कि देश के लिए पुत्र कुर्बान करने वाली माँ का देना कोई भी नहीं दे सकता परन्तु फिर भी उन्होंने अपनी तरफ से उसे 5000 रुपए प्रति महीना पैंशन देने के अलावा उनकी संभाल के लिए 2500 रुपए प्रति महीने के वेतन के साथ एक केयर टैंकर का भी प्रबंध किया है, जो माता जी का खाना बनाने, कपड़े आदि धोने साथ-साथ ओर काम भी करेगी। इस के साथ ही उन्होंने माता को नया घर बना कर देने का फ़ैसला भी किया था परन्तु उनको पता लगा है कि इस बात की पहले ही एक समाज सेवीं संस्था ने ज़िम्मेदारी उठा ली है और घर बनाने में वह उस संस्था को भी सहयोग देंगे।
इस दौरान मौजूद कुसला गांव के सरपंच मनजीत सिंह और पंचायत समेत गांव वासियों ने डा. ओबराए की तरफ से किए इस परोपकार के लिए धन्यवाद करते बताया कि देश की रक्षा के लिए अपना हीरे जैसा पुत्र कुर्बान करने वाली जगीर कौर को मनरेगा के अंतर्गत दिहाड़ी कर अपना गुज़ारा करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि बरसातों के दिनों में उन्हें कई बार भूखे पेट भी सोना पड़ता था। उन्होंने बताया कि इस बुज़ुर्ग अवस्था में जहाँ माता के अपने करीबी साथ छोड़ गए वही सरकार ने भी कोई मदद नहीं की है।