Edited By Urmila,Updated: 20 Dec, 2025 11:58 AM

पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का सीधा असर अब मैदानी इलाकों में भी साफ नजर आने लगा है।
बठिंडा (विजय वर्मा) : पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का सीधा असर अब मैदानी इलाकों में भी साफ नजर आने लगा है। लगातार दूसरे दिन बठिंडा और आसपास के क्षेत्रों में घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। हालात ऐसे रहे कि कई स्थानों पर विजिबिलिटी घटकर मात्र 5 मीटर तक रह गई, जिससे सड़क पर चलना भी जोखिम भरा हो गया। कोहरे के चलते वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी रही। सुबह और देर रात कोहरा सबसे ज्यादा घना रहा। हाईवे, लिंक रोड और शहर की प्रमुख सड़कों पर वाहन बेहद धीमी गति से चलते नजर आए। कई बार तो सामने से आ रहे वाहन आखिरी पल में दिखाई दिए।
स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और किसानों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में अतिरिक्त समय लगाना पड़ा। सुबह-सवेरे हाईवे, लिंक रोड और शहर की प्रमुख सड़कों पर कोहरा छाया रहा। बठिंडा-चंडीगढ़, बठिंडा-मानसा और बठिंडा-बरनाला मार्ग पर चलने वाले वाहन धीमी गति से चलते नजर आए। कई वाहन चालकों ने हेडलाइट और फॉग लाइट जलाकर सफर तय किया, फिर भी दृश्यता कम होने से खतरा बना रहा। खासतौर पर दोपहिया वाहन चालकों और साइकिल सवारों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। कोहरे की वजह से जगह-जगह सड़क हादसों की घटनाएं भी सामने आई हैं। अचानक दृश्यता खत्म हो जाने से वाहन आपस में टकरा गए या सड़क किनारे खड़े वाहनों से जा भिड़े। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह के समय सबसे ज्यादा खतरा रहता है, जब कोहरा और ठंड दोनों अपने चरम पर होते हैं।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत में सक्रिय ठंडी हवाओं के कारण मैदानी क्षेत्रों में तापमान गिरा है। इसके साथ ही नमी बढ़ने से घना कोहरा छा रहा है। आने वाले कुछ दिनों तक सुबह और रात के समय कोहरे की स्थिति बनी रहने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चालकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे कोहरे में तेज गति से वाहन न चलाएं, फॉग लाइट और लो-बीम हेडलाइट का प्रयोग करें तथा सुरक्षित दूरी बनाए रखें। साथ ही, अनावश्यक यात्रा से बचने और बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकलने की भी सलाह दी गई है। पर्वतीय क्षेत्रों की बर्फबारी भले ही दूर नजर आए, लेकिन उसका असर बठिंडा जैसे मैदानी इलाकों में साफ महसूस किया जा रहा है। घना कोहरा और गिरता तापमान लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है, ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।
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