पंजाब में सड़कों पर मंडराता खतरा, घरों के बुझ रहे चिराग, प्रशासन खामोश

Edited By Kalash,Updated: 13 Oct, 2025 12:48 PM

danger looms on punjab roads

जिससे कई लोगों की मौत हो जाती है और कई जीवन भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं।

जंडियाला गुरु (मांगट): भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है, उसकी पूजा और महिमा की जाती है। वहीं दूसरी ओर गाय सेस के नाम पर लोगों से भारी भरकम टैक्स भी वसूला जाता है, लेकिन दूसरी तरफ आवारा और बेसहारा घूमते पशुओं की देखभाल पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

आमतौर पर पशुपालक गायों के बछड़ों को पीटकर घर से बाहर निकाल देते हैं। इसके साथ ही, जिन फुंडेर और बूढ़ी गायों से दूध की कोई उम्मीद नहीं होती, उनकी देखभाल कोई नहीं करना चाहता, जबकि दूध देने वाली गायों का पूरा ध्यान रखा जाता है। पशुपालकों द्वारा घर से बाहर फैंकी गईं बूढ़ी, फुंडर गायें मजबूरन गलियों, बाजारों और सड़कों पर आ जाते हैं, जहां ये कई दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, जिससे कई लोगों की मौत हो जाती है और कई जीवन भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में कई जानवर मर जाते हैं और कई घायल हो जाते हैं।

आवारा पशु फसलों को पहुंचाते हैं नुक्सान

आवारा व बेसहारा पशु न केवल अपना पेट भरने के लिए खेतों में फसलों को नुक्सान पहुंचाते हैं, बल्कि कई बार पड़ोसी किसानों के बीच झगड़े का कारण भी बन जाते हैं। जंडियाला गुरु और आसपास के गांवों के लोग अपने खेतों में घूमने वाले और फसलों को नुक्सान पहुंचाने वाले पशुओं को पकड़कर बांध देते हैं और फिर सुबह अंधेरे में, जब खूंटा उठ जाता है तो उन्हें जंडियाला गुरु की अनाज मंडी में छोड़ देते हैं।

अनाज मंडी के पास लगा रहता जमवाड़ा

जंडियाला गुरु की अनाज मंडी में आवारा और बेसहारा पशुओं का एक झुंड हर समय घूमता रहता है। सुबह के समय ये पशु जहां यहां की सब्जी मंडी से बची हुई सब्जियां खाकर अपना पेट भरते हैं, वहीं अनाज मंडी में बिकने आए अनाज को भी अपना आहार बना लेते हैं।

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