पंजाब में Covid Kit सप्लाई में बड़ा खुलासा, बिना ड्रग लाइसैंस के ही कंपनी को दिया करोड़ों का टैंडर

Edited By Vatika,Updated: 14 May, 2021 04:24 PM

covid kit supply

पंजाब में कोविड किटों की सप्लाई में भारी अनियमितता सामने आई है।

चंडीगढ़ (हरिश्चंद्र):  पंजाब में कोविड किटों की सप्लाई में भारी अनियमितता सामने आई है। नियमों को ताक पर रख टैंडर जारी कर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ चहेतों को करोड़ों का फायदा पहुंचाया है। इस बात के पंजाब केसरी के पास पुख्ता सबूत हैं।स्वास्थ्य विभाग ने एक टैंडर निकाला, जिसमें 50,000 कोविड केयर किटों की सप्लाई के लिए आवेदन मांगे गए थे। इनमें एक कंपनी ने 1095, दूसरी ने 1260 और 2 कंपनियों ने 1270 रुपए प्रति किट की मांग रखी।

भारत सरकार के तय नियमानुसार टैंडर की पहले टैक्नीकल बिड खुलती है ताकि सामान की क्वालिटी की परख की जा सके। उसमें खरा उतरने वाली कंपनियों की फाइनैंशियल बिड खोली जाती है लेकिन इस मामले में 19 अप्रैल को पहले खुली फाइनैंशियल बिड में 1095 रुपए (जी.एस.टी. समेत 1226.40) प्रति किट देने को तैयार कंपनी को किट सप्लाई का काम सौंप दिया गया। खास बात यह है कि लुधियाना की जिस कंपनी (मै. ग्रैंड वे इन्कार्पोरेशन) को काम सौंपा गया, उसके पास ड्रग लाइसैंस तक नहीं है।इसके बाद एक लाख कोविड केयर किटों के लिए फिर से विभाग ने टैंडर मांगा, जो 29 अप्रैल को खुला। इसमें 4 कंपनियों ने जी.एस.टी. सहित 1926.40 रुपए प्रति किट सप्लाई देने की बात कही।

खास बात यह है कि 1926.40 रुपए की मांग करने वाली लुधियाना की वह कंपनी भी थी, जो मात्र 10 दिन पहले ही 1226.40 रुपए प्रति किट देने पर सहमत होकर टैंडर हासिल कर चुकी थी।विभाग ने यह आरोप लगाकर टैंडर रद्द कर दिया कि कंपनियां मिलीभगत से काम कर रही हैं लेकिन बाद में उसी कंपनी को 1,50,000 किटों का ऑर्डर दे दिया गया जिसे पहले भी 50,000 किटों का ऑर्डर मिल चुका था। इस कंपनी को विभाग द्वारा भेजे गए ईमेल में भी स्पष्ट है कि टैंडर रद्द होने के बाद 4 मई को नए रेट सरकार को ऑफर किए गए थे। इनमें 1095 रुपए वाले पुराने रेट के मुकाबले 100 रुपए बढ़ाकर (जी.एस.टी. समेत 1338.40) माल सप्लाई करने की हामी भरी गई थी। 7 मई को विभाग ने लुधियाना की इस कंपनी को 20 करोड़ 7 लाख 60,000 रुपए का परचेज ऑर्डर जारी कर दिया। इससे पहले इस कंपनी को 6 करोड़ 13 लाख 20,000 रुपए का सप्लाई ऑर्डर दिया गया था। इस तरह से बिना ड्रग लाइसैंस के ही कंपनी अब तक 26 करोड़ 20 लाख से अधिक का ऑर्डर ले चुकी है।

‘100 रुपए से ज्यादा थमा दिए प्रति किट’
इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड केयर किट के लिए 3 अप्रैल को आमंत्रित टैंडर अचानक कैंसिल कर दिया। बाद में 6 अप्रैल को नीलामी में शामिल होने वाली 5 कंपनियों के साथ बैठक में टैंडर जारी करने पर सहमति बन गई लेकिन इसमें तब तक बड़ा खेल हो चुका था। हुआ यह कि कुछ कंपनियों को अपने रेट कम करने को कहा गया। 3 कंपनियों को कोविड केयर किटों की सप्लाई का काम मिला। मसलन जी.एस.टी. समेत एक कंपनी ने रेट दिया था 988.29 और दूसरी का रेट था 991.20 रुपए जबकि एक कंपनी ने सबसे कम रेट रखा 837.76 रुपए।कायदे से सबसे कम रेट वाली कंपनी को ही टैंडर जाना चाहिए था लेकिन विभाग ने बाकी दोनों कंपनियों को रेट कम करने को कहा और सहमति बनी 940.80 रुपए पर। इससे 837.76 रुपए पर किट सप्लाई करने को तैयार पटियाला की एक कंपनी (मै. संगम मैडीकल स्टोर) को भी 940.80 रुपए के रेट पर माल सप्लाई करने का काम दे दिया गया। यानी जो कंपनी कम कीमत पर कोविड केयर किट देने को तैयार थी उसे प्रति किट 100 रुपए से ज्यादा स्वास्थ्य विभाग ने थमा दिए। उसे 16,668 किटें सप्लाई करने का ऑर्डर मिला था जबकि बाकी दोनों कंपनियों में प्रत्येक को 16,666 किटें सप्लाई करनी थीं।

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