पंजाब में मुख्यमंत्री चेहरे के साथ मैदान में उतरेगी कांग्रेस, नवजोत सिद्धू पर संशय बरकरार

Edited By Vatika,Updated: 14 Jun, 2021 10:22 AM

congress will enter the fray with the chief minister s face in punjab

पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ ही मैदान में उतरेगी। इसके साथ उन तमाम

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ ही मैदान में उतरेगी। इसके साथ उन तमाम कयासबाजियों पर भी अंकुश लग गया है जिसमें कहा जा रहा था कि पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बिना चेहरे के मैदान में उतर सकती है। रविवार को मल्लिकार्जुन कमेटी के सदस्यों ने रविवार को राहुल गांधी के साथ मुलाकात में भी इस बात पर मंथन किया। इस दौरान सभी ने मुख्यमंत्री चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरने पर रजामंदी जाहिर की है, हालांकि इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लेंगी। इससे पहले हाल ही में कुछ राज्यों में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए गठित अशोक चव्हान कमेटी भी अपनी समीक्षा में कह चुकी है कि चेहरों पर तस्वीर साफ न होने के कारण असम, केरल और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को नुक्सान झेलना पड़ा है।

उधर राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर बने नए सियासी समीकरण पर विस्तारपूर्वक मंथन किया गया। घंटाभर चली इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी उपस्थित रहे। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने पंजाब में दलित वर्ग से जुड़े नेताओं को जल्द अहम जिम्मेदारियां सौंपने का समर्थन किया है। वैसे कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में भी दलित वर्ग को साधने के कई अहम सुझाव दिए हैं। राहुल गांधी ने इन सभी सुझावों पर चर्चा की। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन को हरी झंडी दे दी है जिसमें कांग्रेस के दलित नेताओं को भी आने वाले समय में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। इसी कड़ी में आने वाले चुनाव में दलित वर्ग को बेहतर प्रतिनिधित्व देने पर भी मोहर लगाई गई है। इस बैठक से पहले हरीश रावत ने इसका इशारा भी किया था। एक बातचीत के दौरान हरीश रावत ने कहा कि जिन वोटर्स को साधने के लिए शिअद-बसपा ने गठबंधन किया है उसके लिए कांग्रेस जल्द ही कई नीतिगत व संगठनात्मक स्तर पर बड़े फैसले लेगी। सरकार के स्तर पर भी दलित समुदाय के लिए कई बड़े फैसलों पर आने वाले समय में मोहर लगेगी। इसी कड़ी में हरीश रावत ने शिअद-बसपा के गठबंधन को बेमानी बताया था। उनका कहना था कि शिअद-बसपा की विचारधारा मेल नहीं खाती है और इस बेमानी मेल का फायदा कांग्रेस को ही मिलेगा क्योंकि विचारधारा न मिलने से मतदाता कांग्रेस को वोट देंगे। 

‘नवजोत सिद्धू पर संशय बरकरार’
रविवार को हुई बैठक में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भी गहन मंथन किया गया। बताया जा रहा है कि कमेटी के सदस्यों ने नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस पार्टी का मजबूत स्तंभ बताते हुए संगठन के स्तर पर अहम जिम्मा सौंपने की बात कही है। फिलहाल उन्हें प्रचार कमेटी या को-आर्डीनेशन कमेटी या पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्तर पर कोई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। 

 

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