सैंट्रल GST ने किया बोगस बिलिंग का भंडाफोड़, 2 को किया गिरफ्तार

Edited By Sunita sarangal,Updated: 07 Feb, 2021 09:57 AM

central gst busts bogus billing arrests 2

विभाग ने अपनी कार्रवाई को बिजनैस इंटैलीजैंस एंड फ्रॉड एनालिटिक्स (बी.आई.एफ.ए.) सॉफ्टवेयर के तहत अंजाम दिया है।

लुधियाना(सेठी): सी.जी.एस.टी. (सैंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स कमिश्नरेट) की एंटी इवेजन विंग ने लुधियाना में 32 फर्जी फर्मों के एक और नैक्सस का भंडाफोड़ किया है। ये फर्में गुरबक्श लाल उर्फ हैप्पी नागपाल द्वारा ऑप्रेट और मैनेज की जाती थीं। इन फर्मों द्वारा लगभग 427 करोड़ की बोगस बिलिंग की गई है, जिसमें लगभग 65 करोड़ का फर्जी आई.टी.सी. शामिल है। इस मामले में हैप्पी नागपाल की मदद उसके 2 साथी संदीप कुमार उर्फ पुरी पुत्र अशोक पुरी व राजिंदर सिंह कर रहे थे। साथ ही दोनों की कई फर्मों में हिस्सेदारी भी थी जिन्हें विभाग ने 5 फरवरी को गिरफ्तार किया है जबकि मास्टर माइंड गुरबक्श लाल उर्फ हैप्पी नागपाल फरार है।

विभाग ने अपनी कार्रवाई को बिजनैस इंटैलीजैंस एंड फ्रॉड एनालिटिक्स (बी.आई.एफ.ए.) सॉफ्टवेयर के तहत अंजाम दिया है। विभाग को सॉफ्टवेयर की मदद से धोखाधड़ी और कर चोरी का पता लगाने में कामयाबी मिली है।

फर्जी बिल खरीदने वालों पर होगी कार्रवाई
इन 32 बोगस फर्मों द्वारा जिन फर्मों को बिल बेचे गए हैं, विभाग की अगली कार्रवाई उन पर होगी। पता चला है कि उक्त आरोपी अधिकतर आयरन व स्क्रैप डीलर्स को बिल बेचते थे। जिन पर जी.एस.टी. की स्लैब सबसे अधिक है। उक्त 18 व 28 फीसदी वाले बिल मात्र 3 से 4 फीसदी में मुहैया करवाए जाते थे।

केवल 4-5 फर्मों का पता सही
अधिकारी ने बताया कि उक्त 32 फर्में लुधियाना और खन्ना में हैं परन्तु इनसे केवल 4- 5 फर्मों का एड्रैस (पता) ही सही था जबकि बाकी फर्मों का पता फर्जी है।

राजिंदर सिंह ने अपने नाम से बनाई थीं 2 फर्जी फर्में 
सी.जी.एस.टी. के प्रिंसीपल कमिश्नर आशुतोष बाड़नवाल ने बताया कि राजिंदर सिंह ने अपने नाम से 2 फर्जी फर्मों का निर्माण और संचालन किया था। उन्होंने 21 करोड़ के बोगस जी.एस.टी. बिल जारी किए थे, जिसमें फर्जी आई.टी.सी. के 4.28 करोड़ शामिल थे और इस तरह के फर्जी जी.एस.टी. बिल के जरिए उसने 3.43 करोड़ के नकली आई.टी.सी. का लाभ उठाया था। इन 2 फर्जी फर्मों के संचालन और नियंत्रण करने के अलावा वह हैप्पी नागपाल द्वारा नियंत्रित और संचालित अन्य 30 फर्मों की बैंकिंग ऑप्रेट करता था। वह मई 2018 से अब तक लगभग रोजाना 10 से 40 लाख रुपए की नकदी निकाल रहा था। हैप्पी नागपाल द्वारा संचालित 32 फर्मों के बैंक खातों से अब तक 100 से 125 करोड़ रुपए की नकद राशि निकाली जा चुकी है। 

गुरबक्श लाल उर्फ हैप्पी नागपाल के दूसरे साथी संदीप कुमार उर्फ पुरी ने अलग-अलग व्यक्तियों के आई.डी. प्रूफ के आधार पर फर्जी फर्म बनाकर इन फर्जी संस्थाओं का जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन डिटेल हैप्पी नागपाल को देता था। इसके साथ हैप्पी नागपाल की देख-रेख में संदीप कुमार खुद 5 ऐसी फर्जी फर्मों का संचालन कर रहा था, जिसके लिए उसे हैप्पी नागपाल से प्रति माह 60 हजार रुपए लेता था। इन पांच फर्मों के अलावा वह राजिंदर सिंह की तरह हैप्पी नागपाल द्वारा नियंत्रित और संचालित 32 फर्मों के संबंध में बैंकिंग के कार्य में मदद करता था।

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