मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को बड़ी राहत, पंजाब सरकार ने फीस को लेकर जारी किया अहम फैसला

Edited By Tania pathak,Updated: 20 May, 2020 01:56 PM

big relief to students studying in medical

आदेश यूनिवर्सिटी की तरफ से ऐम. डी. के विद्यार्थियों से 6.50 लाख रुपए सालाना फीस लेने की बजाय 16.50 लाख रुपए ली जा रही थी, जिस कारण डाक्टरी की शिक्षा हासिल करन के इच्छुक विद्यार्थियों पर बहुत ज़्यादा आर्थिक बोझ पड़ता था...

चंडीगढ़: पंजाब में स्थित सभी सरकारी और निजी मैडीकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की फीसों को एक करने के मकसद के साथ डाक्टरी शिक्षा और खोज विभाग की तरफ से वर्ष 2020 में जारी नोटिफिकेशन नंबर 5/26 /2016 -5ऐच.बी.3 /1121 में आंशिक संशोधन कर दी गई है, जिस बारे में संशोधन पत्र जारी कर दिया गया। यह जानकारी पंजाब के डाक्टरी शिक्षा और खोज बारे मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने दी। सोनी ने बताया कि निजी मैडीकल कालेजों और यूनिवर्सिटियों की तरफ से राज्य में फीस 2015 में लागू फ़ीसों से बहुत ज्यादा अधिक ली जा रही थी।

हालात यह थे कि आदेश यूनिवर्सिटी की तरफ से ऐम. डी. के विद्यार्थियों से 6.50 लाख रुपए सालाना फीस लेने की बजाय 16.50 लाख रुपए ली जा रही थी, जिस कारण डाक्टरी की शिक्षा हासिल करन के इच्छुक विद्यार्थियों पर बहुत ज़्यादा आर्थिक बोझ पड़ता था।उन्होंने कहा कि विभाग की ज़िम्मेदारी संभालने के बाद उनके ध्यान में यह मामला आया था, जो कि उन को बिल्कुल भी सही नहीं लगा। इस के बाद उन इस मामले को निजी रूचि ले कर हल करने के लिए यत्न आरंभ कर दिए जिससे डाक्टरी शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों पर पड़ते इस आर्थिक बोझ को ख़त्म करके फ़ीसों में एकसारता लाई जा सके। अब इस सम्बन्धित अपेक्षित कार्यवाही अमल में लाने के बाद फ़ीसों में एकसारता लाने के लिए संशोधन पत्र जारी कर दिया गया है।

डाक्टरी शिक्षा और खोज बारे मंत्री ने कहा कि अब दयानन्द मैडीकल कालेज लुधियाना, क्रिशचन मैडीकल कालेज लुधियाना और क्रिशचन डैंटल कालेज लुधियाना, श्री गुरु रामदास यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ सायंसज़ अमृतसर, देश भक्त यूनिवर्सिटी और आदेश यूनिवर्सिटी बठिंडा में अब ऐम.डी /ऐम.ऐस. (क्लिनीकल) पाठ्यक्रम के लिए फीस 6.50 लाख सालाना होगी, जब कि ऐन.आर.आई. कोटो की सीट के लिए इस पूरे पाठ्यक्रम की फिस 1 लाख 25 हज़ार अमरीकी डालर है। सोनी ने बताया कि पिछली अकाली -भाजपा सरकार की तरफ से इस मामले पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया और आप की तरफ से इस बारे में कभी भी विधानसभा में मुद्दा नहीं उठाया गया।

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