खरीद एजेंसियों का बड़ा ऐलान, सरकार गेहूं की स्टोरेज का करे इंतजाम नहीं तो 14 अप्रैल को...

Edited By Urmila,Updated: 09 Apr, 2022 12:30 PM

big announcement of procurement agencies

पंजाब खरीद एजेंसियां के मुलाजिमों की सांझी तालमेल कमेटी की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया है। गेहूं खरीद सीजन दौरान फूड ग्रेन खरीद के साथ जुड़े एक मुद्दे पर पंजाब सरकार को ...

चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब खरीद एजेंसियां के मुलाजिमों की सांझी तालमेल कमेटी की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया है। गेहूं खरीद सीजन दौरान फूड ग्रेन खरीद के साथ जुड़े एक मुद्दे पर पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। कमेटी का कहना है कि यदि पंजाब सरकार ने 13 अप्रैल तक मंडियों से इस खरीद सीजन दौरान खरीदी जाने वाली गेहूं की स्टोरेज के लिए इंतजाम नहीं किया तो 14 अप्रैल से खरीद एजेंसियों के मुलाजिम खरीद कार्य का बायकाट कर देंगे। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि केंद्र सरकार की तरफ से जारी निर्देश मुताबिक खरीद की गई गेहूं को सिर्फ कवर्ड स्टोरेज में ही रखा जाना है परन्तु पंजाब में इतनी सामर्थ्य वाले कवर्ड स्टोरेज ही नहीं हैं। पंजाब सरकार के खाद्य और सप्लाई विभाग की तरफ से पत्र जारी कर कर मंडियों में खरीदी जाने वाली गेहूं को मंडियों से उठाने के लिए 30 सितम्बर तक का समय तय कर दिया गया है जबकि पहले यह समय सिर्फ 30 जून तक का ही दिया जाता था। मुलाजिम जत्थेबंदी का कहना है कि इस तरह गैर -विज्ञानी ढंग के साथ मंडियों में खुले आसमान नीचे रखी गई गेहूं न तो सुरक्षित रहेगी और मौसम की मार पड़ने पर खाने योग्य भी नहीं रहेगी। इस स्थिति में गाज फील्ड मुलाजिमों पर ही गिरेगी जबकि उनका कोई भी कसूर नहीं होगा।

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सांझी तालमेल कमेटी के प्रदेश प्रधान विनय कुमार शर्मा, जनरल सचिव गगनदीप सिंह सेखों, सीनियर उप प्रधान हरमनदीप सिंह थिंद, जसबीर सिंह रक्कड़ और संयुक्त सचिव हरप्रीत सिंह चहल ने एक बयान जारी करके कहा कि बीती 5 अप्रैल को राज्य के खुराक और सप्लाई विभाग की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है जिसमें केंद्र सरकार के 17 दिसंबर 2021 को जारी पत्र का हवाला देते कहा गया है कि राज्य में इस सीजन दौरान खरीदी जाने वाली गेहूं को सिर्फ कवर्ड स्टोरेज में रखने की व्यवस्था की गई है। कवर्ड स्टोरेज न होने की हालत में इस गेहूं को खरीद कर मंडियों में ही 30 सितम्बर, 2022 तक रखने की ताकिद की गई है। प्रधान विनय शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विभाग का यह फैसला किसी भी लिहाज के साथ सही नहीं कहा जा सकता क्योंकि पंजाब में खरीद मंडियों ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में मौजूद हैं और वहां आढ़तियों के टिकाने भी कच्चे हैं। ऐसे में खरीद की गई गेहूं की चोरी होने का भी डर रहेगा और साथ ही खुले आसमान नीचे, बिना वैज्ञानिक ट्रीटमेंट और रैक भी न होने के कारण गेहूं के खराब होने की प्रबल संभावनाएं रहेंगी।

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विनय शर्मा ने कहा कि उनकी तरफ से विभाग के उच्च आधिकारियों तक यह बात पहुंचाई गई थी कि इस तरह गेहूं को खराब न होने दिया जाए और केंद्र सरकार के साथ बात करके गेहूं की लिफ्टिंग को जल्दी करवाने का प्रबंध किया जाए परन्तु सरकार की तरफ से कोई साकारात्मक जवाब नहीं आया है। ऐसे में मुलाजिम जत्थेबंदियों ने फैसला लिया है कि यदि 13 अप्रैल तक गेहूं को सुरक्षित करने सम्बन्धित कोई योग्य प्रबंध नहीं किया गया तो 14 अप्रैल से राज्य की सभी खरीद एजेंसियों की तरफ से गेहूं खरीद का बायकाट किया जाएगा और किसी भी हालत में मुलाजिम बरसाती और अनाज खराब करन वाले इस फैसले में सरकार का साथ नहीं दिया जाएगा। 

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