Edited By Vatika,Updated: 10 Oct, 2020 11:11 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर उन पर व उनकी सरकार पर सवाल उठाने के मामले को लेकर अकाली दल प्रधान
चंडीगढ़/जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर उन पर व उनकी सरकार पर सवाल उठाने के मामले को लेकर अकाली दल प्रधान के नैतिक अधिकार को चुनौती देते हुए कहा कि पहले अकाली दल के प्रधान उनके 3 प्रमुख प्रश्नों के उत्तर दें। साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक करने के प्रयासों को लेकर अकाली दल की निंदा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर तब तक काले कृषि कानूनों पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं जब तक वह उनके 3 प्रमुख सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं। उन्होंने पहला सवाल करते हुए कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय कैबिनेट में कृषि अध्यादेशों को अनुमति मिलते समय विरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि सुखबीर ने उनके (कैप्टन अमरेन्द्र) द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में किसान विरोधी अध्यादेशों को लेकर समर्थन क्यों नहीं किया। अकालियों ने विधानसभा सत्र का बायकाट क्यों किया था जबकि भाजपा को छोड़ कर सभी पार्टियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया था।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि वह सुखबीर तथा हरसिमरत से कई सप्ताह से सवाल पूछ रहे हैं परन्तु उन्होंने हमेशा इनका जवाब देने में आनाकानी की। दोनों अपनी कार्रवाइयों के लिए कोई जवाब नहीं दे सकते हैं। सुखबीर द्वारा प्रधानमंत्री को किसान संगठनों के साथ बातचीत करने के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने वर्षों तक वह भाजपा के साथ रहे परन्तु उन्होंने अपना उत्तरदायित्व नहीं निभाया। क्या यह समझा जाए कि आपकी पंजाब के लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है।वास्तविकता यह है कि अकाली दल किसानों में अपनी राजनीतिक साख को पूरी तरह से गंवा चुका है। अगर उन्हें थोड़ी सी भी शर्म बाकी है तो वह किसानों तथा पंजाब के लोगों से माफी मांगे।