Edited By Kamini,Updated: 16 Jun, 2025 06:45 PM
मालेरकोटला (भूपेश) : ईंट भट्ठों को बंद रखने का ऐलान किया गया है। मालेरकोटला जिला ब्रिक्स एसोसिएशन मालेरकोटला की एक महत्वपूर्ण बैठक आज क्लब में हुई, जिसमें भट्ठा समूह के सदस्यों ने भारी संख्या में भाग लिया और उद्योग के भविष्य से जुड़े कई अहम फैसले लिए। इस बैठक में सदस्यों ने रिश्व गर्ग को सर्वसम्मति से नया प्रधान चुना, जो उनके नेतृत्व में सदस्यों के पूर्ण विश्वास को दर्शाता है। इसके अलावा, भट्ठा जय दुर्गा बीकेओ के मालिक हरकेश मित्तल को यूनियन का चेयरमैन और जनता बीकेओ के राकेश सिंगला को सचिव नियुक्त किया गया।
पदभार संभालने के बाद, नवनिर्वाचित प्रधान रिशव गर्ग ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में भट्ठा मालिकों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का वादा किया। गर्ग ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि वे सभी द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे। उन्होंने भट्ठा उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया और कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे, ताकि उद्योग को स्थिरता और विकास मिल सके। उनका सर्वसम्मति से चुना जाना उनके प्रति उद्योग से जुड़े लोगों के भरोसे और उम्मीद को दर्शाता है।
पदाधिकारियों का कार्यकाल और भविष्य की योजना
बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रधान पद का कार्यकाल 2 साल का होगा, यानी रिश्व गर्ग 15 जून, 2027 तक इस पद पर बने रहेंगे। इसके बाद, यूनियन की एक और बैठक होगी जिसमें आगे के फैसलों पर विचार किया जाएगा। यह कदम यूनियन को एक स्पष्ट दिशा और स्थिरता प्रदान करेगा, जिससे पदाधिकारियों को अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा। यह अवधि उन्हें उद्योग की वर्तमान चुनौतियों को समझने और दीर्घकालिक समाधानों को लागू करने का अवसर देगी।
ईंटों के दाम में वृद्धि और भट्ठों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐतिहासिक फैसला
इस बैठक का सबसे महत्वपूर्ण और दूरगामी फैसला सरकार की "भट्ठा-हत्या नीतियों" के विरोध में लिया गया। यूनियन के सदस्यों ने बताया कि सरकार की नीतियों के कारण भट्ठा मालिक लंबे समय से परेशान हैं और अब स्थिति ऐसी आ गई है कि उन्हें कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं। सदस्यों ने सर्वसम्मति से 15 जून, 2025 से ईंटों का रेट ₹7000 प्रति हजार तय करने का निर्णय लिया है। यह मूल्य वृद्धि सीधे तौर पर बढ़ती लागत और सरकारी नीतियों के कारण हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए की गई है।
इसके साथ ही, एक और बड़ा और अभूतपूर्व निर्णय लिया गया कि मालेरकोटला के भट्ठों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया जाएगा। यह फैसला सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि भट्ठा उद्योग की मांगों पर ध्यान दिया जाए और उन्हें प्रभावित करने वाली नीतियों में आवश्यक बदलाव किए जा सकें। यह कदम दर्शाता है कि भट्ठा मालिक अपनी समस्याओं को लेकर कितने गंभीर हैं और वे समाधान के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। मालेरकोटला जिले में कुल 21 भट्ठे हैं, जिनमें से 16 भट्ठों के मालिकों ने इस यूनियन का गठन किया है और अपने भट्ठा व्यापार के लिए ये महत्वपूर्ण और सामूहिक फैसले लिए हैं। यह निर्णय उद्योग की एकजुटता और चुनौतियों का सामना करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भट्ठा उद्योग पर संभावित प्रभाव
इस फैसले से आने वाले दिनों में ईंटों की आपूर्ति और उनकी कीमतों पर सीधा और गंभीर असर पड़ेगा। यदि भट्ठे अनिश्चितकाल के लिए बंद रहते हैं, तो निर्माण क्षेत्र में ईंटों की भारी कमी हो सकती है, जिससे निर्माण कार्य बाधित होंगे और लागत में और वृद्धि हो सकती है। अंततः, इसका बोझ सीधे तौर पर उपभोक्ताओं और आम जनता पर पड़ेगा। भट्ठा उद्योग, जो कि निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास का एक महत्वपूर्ण आधार है, अगर ऐसे ही कठिनाइयों का सामना करता रहा तो इसका व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ेगा। यह देखना होगा कि सरकार इस स्थिति पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या भट्ठा मालिकों के साथ कोई समझौता हो पाता है।
बैठक में उपस्थित अन्य प्रमुख सदस्य
इस महत्वपूर्ण बैठक में अध्यक्ष रिशव गर्ग, चेयरमैन हरकेश मित्तल, सचिव राकेश गर्ग के अलावा गौरव गर्ग, गुरमीत राय बांसल, मनोज सिंगला, पवन कुमार, सचिन गुप्ता, कमल कांत, अभिनंदन गर्ग, चंद्र प्रकाश गर्ग, मोहम्मद हामिद, परमिंदर कुमार, विशाल जिंदल सहित मालेरकोटला के विभिन्न भट्ठों के बड़ी संख्या में मालिक मौजूद थे। सभी सदस्यों ने एकजुट होकर इन कड़े फैसलों का समर्थन किया, जो उनकी सामूहिक शक्ति और भविष्य की रणनीति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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