अन्य जिलों के मुकाबले Amritsar सिर्फ एक काम से पीछे, लोगों के लिए बड़ी परेशानी

Edited By Kamini,Updated: 01 Aug, 2025 11:59 AM

amritsar driving test

पंजाब के बाकी जिलों से अमृतसर एक काम से पीछे है, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अमृतसर :  पंजाब के बाकी जिलों से अमृतसर एक काम से पीछे है, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अमृतसर पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल दौरान तत्कालीन डीसी रवि भगत व पूर्व डीटीओ लवजीत कौर कलसी की पहल से लोगों के ड्राइविंग टैस्ट लेने के लिए ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक बनाया गया लेकिन पूरे जिले के लिए सिर्फ एक ट्रैक ही होने के कारण यहां आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जबकि लुधियाना में 4 ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक हैं और जालंधर में 2 टैस्ट ट्रैक हैं। इसकी तुलना कपूरथला व गुरदासपुर जैसे छोटे जिलों में भी दो-दो ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक हैं। जानकारी के अनुसार रोजाना 120 टैस्टों का स्लॉट होता है और कई बार सर्वर खराब होने के कारण काम ठप्प रहता है जिससे अगले दिन टैस्ट देने आए लोगों की गिनती दोगुना हो जाती है और मारा-मारी का माहौल बना रहता है। इस बाबत सैक्रेटरी आरटीऐ खुशदिल सिंह संधू की तरफ से जिला प्रशासन व उच्चाधिकारियों को दो और ट्रैक बनाने के लिए अपील की गई है ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।

एसडीएम दफ्तरों के इलाके में बनाए जा सकते हैं ट्रैक

इस समय मौजूदा ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक के हालात यह हैं कि ब्यास जो कि ट्रैक से लगभग 40 किलोमीटर दूर पड़ता है यहां के लोग भी रीगो ब्रिज से सटे टैस्ट ट्रैक में ड्राइविंग टैस्ट देने के लिए अमृतसर आते हैं ऐसे में यदि टैस्ट नहीं हो पाता है तो वापिस लौटना पड़ता है और दोबारा फिर ट्रैक पर आना पड़ता है। यदि सरकार एसडीएम बाबा बकाला के इलाके में एक ट्रैक बना दे तो यहां के लोगों को इतनी दूर आने की जरुरत नहीं पड़ेगी इसी प्रकार से अजनाला एसडीएम के इलाके में ट्रैक बना दिया जाए तो लोगों को सुविधा मिलेगी।

देहाती इलाकों में बनाए जा रहे खेल स्टेडियम

प्रशासन की तरफ से ऐडीसी (ड) दफ्तर के जरिए देहाती इलाकों में खेल स्टेडियम बनाए जा रहे हैं और सरकार की युद्ध नशेआं विरुध अभियान के तहत लोगों को खेलों की तरफ जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है इसी कड़ी में यदि खेल स्टोडियमों के साथ ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक बना दिए जाएं तो लोगों को ही सुविधा मिलेगी वैसे भी ट्रैक बनाने के लिए कोई ज्यादा खर्च भी नहीं आता है किसी भी सरकारी जमीन जिसमें पंचायत आदि की जमीन पर आसानी के साथ ट्रैक बनाया जा सकता है।

बारिश में नहीं हो पाते टैस्ट

बारिश के दिनों में ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर ड्राइविंग टैस्ट नहीं हो पाते हैं क्योंकि ट्रैक पर जब पानी जमा हो जाता तो ट्रैक के किनारों पर लगे सैंसर जब वाहन ट्रैक से गुजरता है तो उसको फाउल शो करना शुरु कर देते हैं ऐसे में बारिश के सीजन जिसमें 15 से 20 दिनों तक ट्रैक पर काम ठप्प हो जाता है।

ट्रैक व दफ्तर के निर्माण के लिए सरकार को दी गई है अपील

सैक्रेटरी आरटीऐ खुशदिल सिंह संधू ने बताया कि नए ट्रैक बनाने के लिए और आरटीओ दफ्तर के नवनिर्माण के लिए सरकार से अपील की गई है। जितने ज्यादा ट्रैक होंगे उतनी ज्यादा लोगों को सुविधा मिलेगी।

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