बिजली कीमतों में वृद्धि के लिए अकाली-भाजपा जिम्मेदार: निमिशा मेहता

Edited By Sunita sarangal,Updated: 04 Apr, 2021 02:11 PM

akali bjp responsible for increase in electricity prices nimisha mehta

कांग्रेसी नेता निमिशा मेहता ने शिरोमणि अकाली दल बादल से पंजाब भर में बिजली कीमतों पर दिए जाने वाले धरनों पर अकाली दल के.....

गढ़शंकर: कांग्रेसी नेता निमिशा मेहता ने शिरोमणि अकाली दल बादल से पंजाब भर में बिजली कीमतों पर दिए जाने वाले धरनों पर अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर तीखे हमले बोले हैं। निमिशा मेहता ने कहा, ‘नाले चोर नाले चतुर ’, की कहावत सही मायने में शिरोमणि अकाली दल पर जाती है क्योंकि पहले अकाली दल ने सत्ता में होते हुए बिजली सरप्लस पंजाब बनाने के नाम पर जो निजी कंपनी के साथ समझौता किए, उनके कारण आज तक समूचे पंजाब को बिजली कीमत में वृद्धि को बर्दाश्त करना पड़ रहा है। निमिशा मेहता ने कहा कि पंजाब के लोगों को इन समझौतों द्वारा खुद कष्ट देकर अब खुद ही सच्चे होने के लिए शिरोमणि अकाली दल धरने लगाता रहता है।

उन्होंने कहा कि पंजाब में आसमान छू रही बिजली की कीमतों के लिए अकाली दल और भाजपा की 2007 से 2017 की सरकार जिम्मेदार है क्योंकि जब राज्य में इनका राज था तो उस समय सरदार सुखबीर बादल ने बार-बार पंजाब को पावर सरप्लस बनाने की बात की परन्तु पंजाब को पावर सरप्लस बनाने की आड़ में उन्होंने निजी कंपनियों के साथ ऐसे समझौते किए जिसके चलते पंजाब बिजली इस्तेमाल करे या न करे निजी कंपनियों को पंजाब सरकार को फिक्स कीमत के नाम पर पक्का डन (सजायी टैक्स) अदा करना ही पड़ता है। 

इतना ही नहीं इस बिजली डन में हर साल इन समझौतों के मुताबिक अदायगी में वृद्धि भी होती है और सारा पैसा इन निजी कंपनियों को पंजाब के बिजली उपभोगताओं को भरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली वृद्धि के नाम पर अकाली-भाजपा ने पंजाब के लोगों के साथ धोखा किया है और निजी कंपनियों का सालों के लिए फायदा करवाया है। इससे यह भी स्पष्ट है कि बादल की पार्टी निजी कंपनियों के हितों के लिए मोदी की तरह लोगों को पीस रही है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि बिजली कीमतों में वृद्धि के लिए धरने लगाने की बजाय अकाली दल और उनके प्रधान सुखबीर बादल लोगों के साथ पावर सरप्लस के नाम पर करवाई ठगी के लिए पंजाबियों से माफी मांगें। 

अकालियों पर बरसते हुए उन्होंने आगे कहा कि अकाली दल बादल ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के बारे में तब चू भी नहीं की जब मोदी सरकार ने इसे बिल्कुल बंद कर दिया था क्योंकि तब हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में मंत्रिमंडल का हिस्सा बन कर बैठी थी। कांग्रेसी नेता ने कहा कि पहले ही सारा बादल परिवार मोदी की ओर से जारी किए काले कानूनों की कई महीने तारीफें करता रहा और वकालत करता रहा फिर इसके विरोध को कांग्रेस की ओर से किसानों में पैदा किया जा रहा भ्रम बताते रहे लेकिन लोगों का गुस्सा देख कर और अपनी राजनीति को बचाने के लिए आज अकाली दल को अपना पक्ष मजबूरन बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि करीब 4 साल अकाली नेता छिपे रहे और आज वह धरने जन हितों के लिए नहीं बल्कि अपने 2022 के चुनावों के लिए वर्करों को सक्रिय करने के लिए लगा रहे हैं। 

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