कृषि कानून : रेल ट्रैकों पर संघर्ष जारी, रेल रोको संबंधी बड़ा फैसला 13 को

Edited By Vatika,Updated: 12 Oct, 2020 12:19 PM

agriculture law conflict over rail tracks continues

कृषि कानून के विरोध में संघर्ष की रणनीति तय करने और रेल चक्का जाम में मालगाडिय़ों को छूट देने के लिए शनिवार को बरनाला में बुलाई मीटिंग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।

बठिंडा: कृषि कानून के विरोध में संघर्ष की रणनीति तय करने और रेल चक्का जाम में मालगाडिय़ों को छूट देने के लिए शनिवार को बरनाला में बुलाई मीटिंग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पंजाब बंद के कारण 30 में से 7 संगठन गैरहाजिर रहने के चलते फिलहाल कोई भी बड़ा फैसला नहीं लिया गया। किसान संगठनों ने अब जालंधर में 13 अक्तूबर को बैठक बुलाई है। इसके अलावा एक और मीटिंग 15 अक्तूबर को चंडीगढ़ में भी रखी गई है। इसमें रेल रोको संबंधी कोई बड़ा फैसला हो सकता है।

वहीं विभिन्न किसान संगठनों की ओर से कृषि कानूनों के विरोध में किए जा रहे रेल रोको आंदोलन के तहत रविवार को भी बठिंडा में किसानों का रेल ट्रैकों पर संघर्ष जारी रहा। इस दौरान वर्ष 2010 में मानसा में जमीन बचाने के लिए हुए संघर्ष में शहीद हुए किसान प्रिथी सिंह चक्क अलीशेर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर किसान संगठनों के नेताओं अमरजीत हनी, बलकरण सिंह बराड़, सुखदीप सिंह बाठ, गुरदीप सिंह रामपुरा आदि ने कहा,‘‘जब तक कोई फैसला नहीं होता किसान संगठनों द्वारा सड़क, टोल प्लाजा, रेल  ट्रैक से लेकर पैट्रोल पंपों पर धरना जारी रहेगा। केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों की जमीनें छीनने के कानून बना दिए हैं जिनका एकजुट होकर विरोध करने की जरूरत है। उक्त कानूनों के खिलाफ न केवल संघर्ष जारी रहेगा बल्कि आने वाले दिनों में इसे और तेज किया जाएगा।’’  इस अवसर पर  बोघ सिंह मानसा, जगसीर सिंह जीदा, हरविंद्र सिंह बिंदर कोटली, नायब सिंह फूसमंडी, डी.टी.एफ. के जगपाल सिंह बंगी, दर्शन सिंह धालीवाल आदि उपस्थित थे। 

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