Edited By Vatika,Updated: 31 May, 2019 02:17 PM
फोकल प्वाइंट फेज-7 के अधीन पड़ती ईश्वर नगर पुलिस चौकी के क्षेत्र जसवीर कालोनी, गोविंद नगर में सीनटैक्स टैक्सटाइल फैक्टरी में लगे वाटर टैंक से कैमिकल युक्त पानी लीकेज होने पर ब्लास्ट हो गया
लुधियाना (अमन): फोकल प्वाइंट फेज-7 के अधीन पड़ती ईश्वर नगर पुलिस चौकी के क्षेत्र जसवीर कालोनी, गोविंद नगर में सीनटैक्स टैक्सटाइल फैक्टरी में लगे वाटर टैंक से कैमिकल युक्त पानी लीकेज होने पर ब्लास्ट हो गया जिसमें से 2 लाख लीटर रासायनिक पानी सड़कों पर व गलियों में इस कदर बहा कि जैसे कोई बाढ़ आ गई हो। इस दौरान धमाके की आवाज से लोग सहम गए।
साथ लगती कॉलोनियों में पानी घरों में घुसने पर लोगों का काफी नुक्सान हो गया और कई महिलाएं और बच्चे बुरी तरह जख्मी हो गए। देर सायं हुए इस ब्लास्ट से एक महिला बुरी तरह से घायल हो गई जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस धमाके के कारण उनके घरों की दीवारों और घर में पड़ा सामान इस कदर बिखर गया जैसे कोई आसमानी बादल फटा हो लेकिन पुलिस की ढीली कार्रवाई के चलते किसी ने भी जख्मी हुए लोगों की सुध नहीं ली और न ही पुलिस ने लोगों के बयान तक दर्ज किए। लोगों ने कहा कि पुलिस खुद ब्लास्ट होने के 2 घंटे बाद वहां पहुंची। जख्मी हुई सोनम ने बताया कि वह अपने बेड़े के बाहर बैठी हुई थी और अचानक तेज गति से बहता हुआ पानी उनके घरों के अंदर घुस गया और उन्हें भी साथ में बहाकर ले गया जिसमें उसके 2 ब‘चों को चोटें लगी हैं।
मेरी दुकान का हुआ काफी नुक्सान : रेनू देवी
करियाने की दुकान चलाने वाली रेनू देवी ने बताया कि जोरदार धमाका होने से पहले तो इलाके में सनसनी फैल गई और उक्त पानी सड़कों पर 4 से 5 फुट तक बहता नजर आया। उसकी दुकान का सारा सामान पानी से तहस-नहस हो गया और दुकान में पड़े टी.वी. व अन्य उपकरणभी खराब हो गए हैं। वहीं फैक्टरी मालिकों उनका हाल पूछने की जहमत तक नहीं उठाई।
कौन करेगा इनके नुक्सान की भरपाई
सुनीता, जीतलाल, खुशबू ने बताया कि पानी इस कदर गलियों में बहने लगा कि उनके बाहर खड़े वाहन तक तैरने लगे किसी का मोबाइल गटर में चला गया तो किसी के कपड़े बह गए और इस नुक्सान की कौन भरपाई करेगा? बुजुर्ग विमला रानी ने बताया कि उसके घर के बाहर रेत-बजरी पड़ी थी जिससे वह अपना मकान बनाने की तैयारी में लगी हुई थी। उसका सारा सामान पानी के साथ बह गया जबकि वह अकेली मजदूरी करके घर चलाती है । उसका 10 हजार का रेत-बजरी पानी के साथ बह गया है।
मैनेजर ने नहीं दिया स्पष्ट जवाब
जब इस संबंध में फैक्टरी के मैनेजर सुनील मिन्हास से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि यह पानी फैक्टरी में बनने वाले कपड़े की वाशिंग के काम आता है। जब उनसे पूछा कि इसमें कौन-सा कैमिकल इस्तेमाल होता है तो इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट जवाब न देकर वह टाल-मटोल करते रहे।