सरेआम देर रात चलाए जा रहे ऊंची आवाज में डी.जे.

Edited By swetha,Updated: 03 Dec, 2019 08:55 AM

noise pollution

पंजाब में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाने के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) और हाईकोर्ट बेहद गंभीर है।

 कपूरथला(महाजन): पंजाब में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाने के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) और हाईकोर्ट बेहद गंभीर है। हाईकोर्ट की ओर से दीवाली पर पटाखे चलाने पर पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने पाबंदी के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर खूब पटाखे चलाए। जिला प्रशासन की ओर से ध्वनि प्रदूषण के लिए कुछ आदेश जारी किए गए हैं और उसके लिए कुछ कानून और नियम बनाए गए हैं परंतु जिले में डी.सी. के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिले के कुछ लोग उनके आदेशों को अनदेखा करते हैं। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन की ओर से विवाह के सीजन में रात के 10 बजे के बाद डी.जे. बजाने पर रोक लगाई गई है, लेकिन सख्ती व लगाई गई रोक का फिलहाल कपूरथला सहित पूरे जिले में कोई विशेष असर नजर नहीं आ रहा। 

आलम यह है कि देर रात 12 बजे तक भी कई पैलेस, होटल और प्राइवेट कोठियों में विवाह समारोह में ऊंंची आवाज में डी.जे. को कई मीटर तक इलाकों में सुना जा सकता है। जो ध्वनि प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन रहा है। जिला प्रशासन ने लोकहित में यह फैसला लेते हुए आदेश जारी कर जिले के सभी मैरिज पैलेसों और होटलों में रात  10 बजे के बाद डी.जे. चलाने पर रोक लगा दी है, परंतु इन प्रबंधकीय आदेशों का फिलहाल कोई असर नजर नहीं आ रहा। गत रात कपूरथला और इसके आसपास क्षेत्रों का दौरा किया, तो शहरी और देहाती क्षेत्रों में स्थित कई मैरिज पैलेसों, कई होटलों और निजी घर में रात 12 बजे तक भी विवाह-शादी की पाॢटयों के दौरान जहां काफी ऊंची आवाज में डी.जे. बजते नजर आए। वहीं पंजाबी गीतों की धुन पर बड़ी संख्या में लोग पैलेसों और होटलों में झूमते नजर आए। कई प्राइवेट कोठियों में भी पाॢटयों के दौरान देर रात प्रबंधकीय आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए लोग डी.जे. की ऊंची आवाज में नाचते नजर आए। 

ध्वनि प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियां होती हैं पैदा 
 डा. संदीप भोला का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण जहां कई बीमारियों का कारण बनता है, वहीं इससे विद्याॢथयों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है। शहर के प्रसिद्ध डाक्टर एच.एल. मेहमी का कहना है कि इस संबंध में जिला प्रशासन को मुहिम चलानी चाहिए, क्योंकि ध्वनि प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियां पैदा होती हैं। डा. गुरबचन सिंह का कहना है कि विवाह शादियों पर हमें खुशी का इजहार तो करना चाहिए और डी.जी. की आवाज भी धीमी रखनी चाहिए, जो चारदीवारी तक सीमित हो, जिससे किसी को परेशानी न हो। अधिक आवाज दिल के मरीजों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। 

आदेशों का पालन न करने वालों पर होगी कार्रवाई : डी.सी.
डी.सी. डी.पी.एस. खरबंदा का कहना है कि प्रबंधकीय आदेशों की पालना न करने वाले मैरिज पैलेसों और होटल मालिकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंधी जल्द ही संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। 

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