धुस्सी बांध मजबूत करने की कवायद: सतलुज दरिया का बहाव बदल कर मध्य में किया

Edited By Vatika,Updated: 09 Mar, 2020 11:13 AM

changed the flow of sutlej river in the middle

पंजाब के 3 जिलों के साथ लगते सतलुज दरिया के धुस्सी बांध को मजबूत करने के लिए कार सेवा लगातार जारी है।

सुल्तानपुर लोधी(धीर/सोढी/ अश्विनी): पंजाब के 3 जिलों के साथ लगते सतलुज दरिया के धुस्सी बांध को मजबूत करने के लिए कार सेवा लगातार जारी है। पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल के नेतृत्व में चल रही कार सेवा दौरान एक महीने में सतलुज दरिया का बहाव बदल कर मध्य में कर दिया गया है। संत सीचेवाल ने बताया कि यह बहाव मध्य में करने से धुस्सी बांध पर पानी का दबाव कम हो जाएगा।

दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मिट्टी से लदे टिप्पर व ट्रॉलियां सीधा दरिया के अंदर से ही धुस्सी बांध पर चढ़ सकेंगी। मिट्टी की ढुलाई के लिए समय भी कम लगेगा व काम और तेजी से होगा।संत सीचेवाल ने बताया कि जालंधर जिले के साथ-साथ मोगा व फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नरों के साथ भी सम्पर्क कायम किया गया है, ताकि इन जिलों में आते धुस्सी बांध पर दरिया में से निकाली मिट्टी डालकर मजबूत किया जा सके। हजूर साहिब वालों के धार्मिक स्थान की देखरेख कर रहे महापुरुष बाबा मंगा सिंह व बाबा काला सिंह भी संगत को साथ लेकर दिन-रात इस बांध को मजबूत करने के लिए सहयोग दे रहे हैं। इस कार सेवा में लोगों द्वारा भागीदारी इस कारण भी अधिक की जा रही है, ताकि वे इस महान कार्य को अपने हाथ से करके गर्व महसूस कर सकें।

आप्रवासी पंजाबियों व धार्मिक जत्थेबंदियों से अपील
सितम्बर 2019 से सतलुज दरिया की सफाई व धुस्सी बांध की मजबूती के लिए चल रही कार सेवा में अब तक 1 लाख 80 हजार लीटर से अधिक डीजल की खपत हो चुकी है। यह सारा डीजल पंजाब भर की संगत व देश-विदेश में बसते पंजाबियों के सहयोग से मिल रहा है। उन्होंने आप्रवासी पंजाबियों व यहां की धार्मिक जत्थेबंदियों से अपील की कि वे डीजल की सेवा में योगदान दें। रोजाना यहां 5 बड़ी क्रेनें, 3 जे.सी.बी., 80 के करीब ट्रॉलियां व 9 टिप्पर लगातार चल रहे हैं। इस मशीनरी में रोजाना पौने 2 लाख रुपए के डीजल की खपत हो रही है। 

‘ऐसे कार्य कोई युद्ध जीतने से कम नहीं’
कार सेवा दौरान बातचीत करते संत सीचेवाल ने बताया कि उन्होंने बाढ़ दौरान जानियां चाहल सहित दर्जनों गांवों के दर्दनाक हालात देखे थे जब उनके घर, खेत, पशु सब कुछ बाढ़ दौरान डूब गए थे। देश का अन्नदाता कहे जाने वाला किसान खुद दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो गया था। गुरु कृपा करे वे हालात दोबारा न देखने पड़ें। उन्होंने कहा कि यह कार्य किसी का निजी नहीं होता व इन कार्यों को मुकम्मल करने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत होती है। ऐसे कार्य कोई युद्ध जीतने से कम नहीं होते।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!