नैशनल हाईवे पर बेखौफ ‘जिस्म के सौदागर’, जानिए कैसे चल रहा है मोबाइल Sex Racket

Edited By Sunita sarangal,Updated: 14 Oct, 2019 09:49 AM

sex racket in trucks

थाना मकसूदां के एस.एच.ओ. रमनदीप ने कहा कि पहले भी कई बार इन्हें यहां से भगा चुके हैं।

जालन्धर(सुनील): जालंधर में जिस्मफिरोशी का धंधा करने वाले कुछ अपराधियों ने सैक्स रैकेट चलाने का ऐसा तरीका अपनाया, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जिस्मफिरोशी के अड्डों पर पुलिस द्वारा नकेल कसने के चलते इस कारोबार में लिप्त ‘जिस्म के सौदागरों’ ने बेखौफ होकर पुलिस की आंख में धूल झोंकते हुए नैशनल हाईवे पर ट्रकों में जिस्मफिरोशी करना शुरू कर दिया है। जानकारी अनुसार मीलों-मील का सफर तय करने वाले ट्रक चालक इन ‘जिस्म के सौदागरों’ के मुख्य ग्राहक होते हैं क्योंकि इन ट्रक चालकों का कोई पता नहीं होता कि रात कहां गुजारनी है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये वे लोग हैं जो एच.आई.वी. यानी कि एड्स से ज्यादा ग्रस्त होते हैं क्योंकि अपने सफर दौरान ये कहीं पर भी किसी के साथ भी हमबिस्तर होने से नहीं हिचकिचाते हैं। सरकार भी एड्स ग्रस्त लोगों की तरफ ज्यादा तवज्जो दे रही है मगर इन सबको नकारते हुए जालन्धर के थाना मकसूदां के अंतर्गत आते पठानकोट रोड गांव कानपुर के समीप (नवीं चुंगी) पर चलता फिरता ‘हाई-वे वैश्यालय’ आपको मिल सकता है जिसका संचालन कोई एक व्यक्ति नहीं, बल्कि कुछ औरतों द्वारा बनाया हुआ एक ग्रुप कर रहा है। ये ग्रुप केवल ट्रक चालकों को ही वेश्यावृत्ति का धंधा करने वाली युवतियां मुहैया करवा रहा है।

रात से दिन तक चलता है धंधा 
इतना ही नहीं इस धंधे में लगी कुछ महिलाएं स्वयं ही ग्राहक तलाश लेती हैं क्योंकि सिर्फ चंद रुपयों में मुहैया होने वाली इन युवतियों का यह गंदा काम रात के अंधेरे में अंजाम दिया जाता है और दिन तक चलता है, इसलिए ट्रकों की आड़ में खाली सुनसान जगह पर वाहन चालक मौज-मस्ती के लिए डेरा जमाते हैं। देखने में लगता है कि शायद ये थके-हारे वाहन चालक डेरा डाले हुए हैं। जब इस मामले की तह तक जांच की गई तो पता चला कि यहां चलता-फिरता वेश्यालय है। 

ट्रकों में होते हैं हमबिस्तर
सड़क किनारे बने चाय के खोखों तथा ढाबों वालों का कहना है कि ट्रक चालकों को महिलाएं यहां आसानी से सैक्स के लिए मिल जाती हैं, जिससे हम काफी परेशान हैं। यहां किसी रेस्तरां या होटल की जरूरत नहीं, बल्कि ट्रकों के कैबिन में ही युवतियां परोसी जाती हैं, जो भी ट्रक ड्राइवर रात्रि दौरान डेरा डालता है तो इस धंधे में संलिप्त युवतियां खुद ही उनसे सम्पर्क साधती हैं और पैसे की सैटलमैंट की जाती है। ट्रकों के कैबिन को बहुत सेफ समझा जाता है, क्योंकि पुलिस छापेमारी अगर हो भी जाए तो ट्रक को युवती सहित भगा लिया जाता है।

शहर के बाहरी इलाकों से आती हैं युवतियां, फोन पर साधा जाता है सम्पर्क
पता चला है कि धंधे में संलिप्त ये युवतियां केवल जालन्धर से ही नहीं, बल्कि बाहरी इलाकों से भी वेश्यावृत्ति के लिए आती हैं जो सुबह होते ही मोटी कमाई करके नौ दो ग्यारह हो जाती हैं। जानकारी के अनुसार इन युवतियों ने अपने ग्राहकों को अपने मोबाइल नंबर भी दे रखे हैं, जो वाहन चालक पक्के तौर पर इस रास्ते से गुजरते हैं उन्हें वे आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। क्योंकि उनके ग्राहक जाने-पहचाने होते हैं, इसलिए डर की कोई चिंता ही नहीं। इसी बात की सच्चाई जानने के लिए जब एक युवती के मोबाइल की जांच की गई तो ‘ट्रू कॉलर’ पर उसका नाम ‘लाल मिर्ची’ आ रहा था। 

थाना मकसूदां के एस.एच.ओ. रमनदीप ने कहा कि पहले भी कई बार इन्हें यहां से भगा चुके हैं, लेकिन अगर अब कोई गलत कार्य करता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
 

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