काला सिंघा ड्रेन में सीवरेज का गंदा पानी छोडऩे की कोशिश करेगा नगर निगम

Edited By Vaneet,Updated: 02 Jul, 2020 06:24 PM

municipal corporation will try release sewerage dirty water kala singha drain

पर्यावरण प्रेमी संत बाबा सीचेवाल और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों व प्रयासों के तहत पिछले काफी समय से...

जालंधर(खुराना): पर्यावरण प्रेमी संत बाबा सीचेवाल और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों व प्रयासों के तहत पिछले काफी समय से जालंधर के बीच में से गुजरती काला सिंघा ड्रेन को साफ  करने का प्रोजैक्ट चल रहा है जिसमें नगर निगम ने भी सहयोग दिया है परंतु अब नगर निगम इसी ड्रेन में शहर की कई कालोनियों के सीवर का गंदा पानी सीधा डालने की कोशिश कर सकता है। इसके लिए निगम प्रशासन द्वारा एन.जी.टी. को पत्र लिखकर एक साल की मोहलत मांगी जा रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से बस्ती पीरदाद के डिस्पोजल पर गंदे पानी के ओवरफ्लो की समस्या आ रही है, जिस कारण वैस्ट विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा डूब रहा है और एम.एस. फार्म वाली रोड पर बिना बरसात के ही सीवरेज का गंदा पानी खड़ा रहता है। आसपास की कई कालोनियों में नर्क जैसे हालात होने के कारण शहर की कांग्रेसी राजनीति भी गर्माई हुई है।

वैस्ट में कहर बरपा रहा नॉर्थ का पानी
यह समस्या इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि नगर निगम ने नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र की कई कालोनियों का पानी नाले के साथ-साथ गुजरती बड़ी सीवर लाइन में डाल दिया है जो पहले सीधा काला सिंघा ड्रेन में जाया करता था। सीवरेज लाइन में पानी की मात्रा अधिक होने के चलते बस्ती पीरदाद डिस्पोजल पर समस्या आ रही थी जिसका कोई हल निगम के पास नहीं है इसलिए अब निगम प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों संग टाइअप कर रहा है कि एन.जी.टी. से उसे एक साल की मोहलत मिल जाए ताकि ड्रेन में सीधा कालोनियों का गंदा पानी फैंका जा सके। अब देखना है कि इस मामले में निगम के प्रयास सफल होते हैं या नहीं। निगम कमिश्नर करनेश शर्मा ने इस प्रयास की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने चंडीगढ़ में उच्चाधिकारियों से इस मामले पर बात की है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण विभाग ने वरियाणा डंप में बायोमाइङ्क्षनग प्लांट की देरी को लेकर जो 25 लाख का जुर्माना वसूल लिया है उस पर भी ऐतराज जताया जा रहा है और उच्च अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करवा दिया गया है।

160 कर्मचारियों की फिर भर्ती करेगा निगम 
कुछ माह पहले निगम ने ठेकेदारी प्रथा के आधार पर 160 सीवरमैन भर्ती किए थे परंतु यूनियनों की आपसी लड़ाई के चलते यह मामला अदालत में चला गया जहां से निर्देश आने के बाद निगम को 160 सीवरमैन निकालने पड़े। अब चूंकि मानसून सीजन सिर पर है और शहर की रोड गलियों की सफाई नहीं हो पा रही इसलिए नगर निगम प्रशासन ने अब 160 कर्मचारी आउटसोर्स आधार पर भर्ती करने का फिर फैसला लिया है। माना जा रहा है कि इस बार सीवरमैनों की बजाय दूसरी श्रेणी के कर्मचारी रखे जाएंगे जिन से सिर्फ  रोड गलियों इत्यादि की सफाई कराई जाएगी ताकि बरसाती पानी के जमा होने की शिकायतें कम हो सके।

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