Edited By Vatika,Updated: 23 Oct, 2020 01:29 PM
दुनिया की 25 नामवर यूनिवर्सिटियों में शामिल अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी ने जालंधर के लायलपुर खालसा कालेज में अंग्रेज़ी विभाग के प्रोफेसर डा. चरनजीत सिंह को अपने सिम्पोजियम में गेस्ट स्पीकर के तौर पर शामिल करने का न्योता दिया है।
जालंधर: दुनिया की 25 नामवर यूनिवर्सिटियों में शामिल अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी ने जालंधर के लायलपुर खालसा कालेज में अंग्रेज़ी विभाग के प्रोफेसर डा. चरनजीत सिंह को अपने सिम्पोजियम में गेस्ट स्पीकर के तौर पर शामिल करने का न्योता दिया है। डा.चरनजीत को यह न्योता भाषा के क्षेत्र में किए प्रशंसनीय काम के कारण दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि डा.चरनजीत सिंह ने अपने पी.एच.डी. थीसिस में मशहूर भाषा विज्ञानी हैलीडे के भाषा माडल को इस्तेमाल करके भारतीय और ब्रिटिश अंग्रेजी अखबारों की भाषा का विश्लेषण किया था। डा. चरनजीत की तरफ से अंग्रेजी भाषा में Systematic functional linguistics और पत्रकारिता की भाषा पर किए काम मिशिगन यूनिवर्सिटी के इस वर्ष के थीम के साथ मेल खाते हैं। इसीलिए उन्हें "प्रश्न करने और चुनौती देने के लिए'' Systematic functional linguistics का प्रयोग करने पर भाषण देने के लिए न्योता दिया गया है।
गौरतलब है कि डा. चरनजीत सिंह इस विषय को लेकर बहुत चिंतित हैं कि 16 साल तक अंग्रेज़ी लाज़िमी विषय के तौर पर पढ़ने के बाद भी हमारे विद्यार्थी इसको बोलने और लिखने की महारत क्यों नहीं सीख पाते।इस मुद्दे को लेकर उन्होंने साल 2011 में एक राष्ट्रीय सैमीनार भी कराया था।उनका कहना है कि हमारे शैक्षिक विभाग में अंग्रेज़ी भाषा को एक भारी विषय के तौर पर पढ़ाने की बजाय इतिहास या फिलॉसफी की तरह एक कंटैंट सबजैक्ट के तौर पर पढ़ाया जाता है। भाषा के अलावा डा.चरनजीत सिंह साहित्य लेखनी में भी खासी रुचि रखते हैं। उनके द्वारा लिखा अंग्रेज़ी नावल 'TWo Zero And a Hyphen'एक एच.आई.वी. पॉजिटिव स्कूल अध्यापक की कहानी बयान करता है। जिसे ज़िंदगी के रंगों का असली पता तब भी लगता है जब उसे एहसास होता है कि उसकी ज़िंदगी खत्म के बिल्कुल नज़दीक है।इसके अलावा उनका पंजाबी नाटक 'ज़िंदगी मौत की' तीन नौजवानों पर आधारित है जिन्हें हालतों ने उग्रवादी बना दिया है। यह सिम्पोजियम अमरीकी समय मुताबिक 24 अक्तूबर सुबह 9 बजे शुरू होगा और डा.चरनजीत इस को प्रातःकाल में 11.25 मिनट पर अपना भाषण देंगे।