GDP में 43 प्रतिशत के हिस्सेदार एमएसएमई को किया नजरअंदाज

Edited By Vaneet,Updated: 01 Apr, 2020 06:31 PM

43 share in gdp ignored by msme

कोरोना वायरस के चलते सरकार द्वारा दी जा रही राहत घोषणाओं में स्वयं रोजगारी वर्ग नजरअंदाज कर दिया गया है ...

अमृतसर(इन्द्रजीत): कोरोना वायरस के चलते सरकार द्वारा दी जा रही राहत घोषणाओं में स्वयं रोजगारी वर्ग नजरअंदाज कर दिया गया है जो भारत की जीडीपी में 43 प्रतिशत योगदान रखते हैं। वहीं इस नजरअंदाजी में वह लोग भी शामिल हैं जो मैन्युफैक्चर सैक्टर का एक बहुत बड़ा हिस्सा है जिनका जीडीपी में अस्तित्व 13 प्रतिशत है। एमएसएमई के स्वरोजगारी और मैन्युफैक्चर सेक्टर के दोनों वर्ग मिलाए जाए तो माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइज का शेयर जीडीपी में 43 बनता है जबकि कारपोरेट सैक्टर का इसमें शेयर 40 प्रतिशत है। इनमें कारपोरेट सैक्टर को तो सरकार द्वारा 1.50 लाख करोड़ की राहत दी गई है वहीं इसके बड़े हकदार एमएसएमई (43 प्रतिशत) को कोई राहत ना देना चिंता का विषय है।

भारत देश की जी.डी.पी में इस समय 54 प्रतिशत उन लोगों की भूमिका है जो स्वरोजगारी है इनमें दुकानदार बिजनेसमैन, ट्रांसपोर्टर, होटल रेस्टोरेंट कारोबारी, प्रॉपर्टी डीलर, आर्थिक सेवाएं, लीगल सेवाएं, ठेकेदार, खाद्य व्यापार शामिल है। यह वर्ग सर्विस सेक्टर में माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज का हिस्सा है। इनकी कारोबारी पूंजी एक से दस लाख (माइक्रो), दस लाख से 2 करोड़ (स्माल) दो करोड़ से 5 करोड (मीडियम) शामिल हैं। वहीं जीडीपी ग्रोथ में सर्विस सैक्टर में कारपोरेट का हिस्सा 24 प्रतिशत जबकि गैर कारपोरेट जनता का हिस्सा 30 प्रतिशत है। 
         
दूसरी ओर मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर में माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज में एक से 25 लाख (माइक्रो), 25 लाख से 5 करोड़ (स्मॉल) और 5 करोड़ से 10 करोड़ (मीडियम) शामिल है। एमएसएमई के मैन्युफैक्चरिंग वर्ग में कारपोरेट सैक्टर भी शामिल है। लोकल और कारपोरेट सेक्टर का कुल मैन्युफैक्चरिंग शेयर जीडीपी में कुल 29 प्रतिशत है। इसमें लोकल मैन्युफैक्चरिंग का 13 प्रतिशत और कारपोरेट सैक्टर का योगदान 16 प्रतिशत है। 

जी.डी.पी में कुल योगदान 43 प्रतिशत
आम जनता की मैन्युफैक्चरिंग और स्वरोजगार का बड़ा शेयर गैर कारपोरेट वर्ग एमएसएमई के इर्द-गिर्द घूमता है। इसमें यदि कारपोरेट सैक्टर को एक तरफ किया जाए तो माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज में मैन्युफैक्चर और स्वरोजगार सर्विस सेक्टर (दोनों) का योगदान 43 प्रतिशत है। सर्विस सैक्टर और मैन्युफैक्चरिंग में कारपोरेट सैक्टर का कुल जी.डी.पी में योगदान 40 प्रतिशत है। 17 प्रतिशत एग्रीकल्चर का जी.डी.पी में योगदान के बाद कुल जीडीपी में 43 प्रतिशत हिस्सा एमएसएमई स्वरोजगारी/मैन्युफैक्चरिंग वर्ग का है लेकिन सरकार ने 40 प्रतिशत जीडीपी के हिस्सेदार कारपोरेट सैक्टर को तो 1.5 लाख करोड़ की राहत घोषणा की है लेकिन जीडीपी में बड़े हिस्सेदार माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (40 प्रतिशत) कैटेगरी को कुछ नहीं दिया।
               
देश की बड़ी कारोबारी और औद्योगिक संस्था पंजाब व्यापार मंडल ने सरकार की नजरअंदाजी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे पक्षपात बताया है। व्यापार मंडल के महामंत्री समीर जैन ने कहा है कि भारत में 7 करोड़ से अधिक एम.एस.एम.ई 28 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं जो देश की समृद्धि की नीव है। आवश्यक है कि सरकार औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र के रोजगारी व्यापारियों के लिए राहत पैकेज की शीघ्र घोषणा करे।

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