Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Aug, 2017 10:57 AM
भिक्षा मांगना न केवल एक श्राप है, बल्कि समाज में यह एक ऐसी बीमारी है जोकि पीढ़ी दर पीढ़ी फैलती रहती है। समाज को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है। इसलिए जितने कसूरवार वे लोग हैं जोकि भिक्षा मांगते हैं उतने ही वे लोग भी हैं जोकि भिक्षा देते हैं।
पटियाला(राजेश,जोसन) : भिक्षा मांगना न केवल एक श्राप है, बल्कि समाज में यह एक ऐसी बीमारी है जोकि पीढ़ी दर पीढ़ी फैलती रहती है। समाज को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है। इसलिए जितने कसूरवार वे लोग हैं जोकि भिक्षा मांगते हैं उतने ही वे लोग भी हैं जोकि भिक्षा देते हैं।
यह बात पूर्व विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर ने माल रोड स्थित जिला प्रशासन व ‘हर हाथ कलम’ की तरफ से पटियाला को ‘भिक्षा मुक्त’ करने तथा लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्रीय पुस्तकालय श्री काली माता मंदिर से लेकर फव्वारा चौक तक स्कूली बच्चों की बनाई गई एक विशाल मानवीय चेन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह एन.जी.ओज के सहयोग से पटियाला शहर को जल्दी ही ‘भिक्षा मुक्त’ शहर बनाएंगे। उन्होंने कहा कि भिक्षा देने व मांगने वाले दोनों कसूरवार हैं।
‘हर हाथ कलम’ संगठन के प्रयत्नों की वालिया ने की सराहना
समाजसेविका सतिंद्र पाल कौर वालिया ने पटियाला के विद्यार्थियों की तरफ से बनाए ‘हर हाथ कलम’ संगठन द्वारा पटियाला में भिक्षा मांगने की बुराई का एक साल के अंदर-अंदर अंत करने के लिए प्रण पर किए जा रहे काम की सराहना की। उन्होंने कहा कि भिक्षा मांगने वाले बच्चों को काम दिला कर इनकी यह आदत खत्म करने के लिए किया जा रहा प्रयास सराहनीय है।
बिना टूटे देर शाम तक चलती रही मानवीय चेन
दूसरी तरफ आज सारा दिन गर्मी और उमस के बावजूद 9 हजार से अधिक स्कूली बच्चों ने एक विशाल मानवीय चेन बना कर शहर को ‘भिक्षा मुक्त’ बनाने का लोगों को संदेश दिया। यह कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा।
डिप्टी कमिश्रर कुमार अमित ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर भिक्षा मांगने वाले 70 बच्चों को अलग-अलग स्कूलों की स्मार्ट क्लासों में पढ़ाया जा रहा है और कोशिश होगी कि अधिक से अधिक भिक्षा मांगने वाले बच्चों को उत्साहित करके स्कूलों में लाया जाए। इस प्रोग्राम की समाप्ति के मौके पर ओमैक्स माल में आई.जी. ए.एस. राय, कुमार अमित व डा. एस. भूपति की हाजिरी में स्कूली बच्चों की तरफ से भिक्षा के खात्मे वाले लिखे स्लोगन वाले 6 हजार गुब्बारे छोड़े गए।