पंजाब में पेयजल सप्लाई पर चलेगी ‘कैंची’

Edited By swetha,Updated: 17 Jul, 2019 08:38 AM

water supply

: पंजाब के शहरी इलाकों में पीने वाले पानी की सप्लाई में जल्द ही बड़ी कटौती की जाएगी। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने इस बाबत पंजाब सरकार को आदेश जारी किए हैं।

चंडीगढ़(अश्विनी): पंजाब के शहरी इलाकों में पीने वाले पानी की सप्लाई में जल्द ही बड़ी कटौती की जाएगी। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने इस बाबत पंजाब सरकार को आदेश जारी किए हैं। सतलुज-ब्यास नदी में प्रदूषण मामले पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार को नदियों के प्रदूषण पर सख्त कदम उठाने के निर्देश के साथ ही मॉनीटरिंग कमेटी की रिपोर्ट को गंभीरता से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। ट्रिब्यूनल ने कुछ माह पहले सतलुज-ब्यास नदी प्रदूषण मामले पर गठित मॉनीटरिंग कमेटी का विस्तार किया था, साथ ही नई कमेटी को प्रदूषण मामले में विस्तृत रिपोर्ट सबमिट करने की बात कही थी। इसी कड़ी में अब नई मॉनीटरिंग कमेटी ने पहली रिपोर्ट सबमिट की है।

मॉनीटरिंग कमेटी की रिपोर्ट में पंजाब सरकार कटघरे में
 इस रिपोर्ट में कमेटी ने नदियों में प्रदूषण के लिए पंजाब सरकार को कटघरे में खड़ा किया है और सरकारी संस्थाओं सहित कई अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन अधिकारियों के हाथ में प्रदूषण की रोकथाम का अहम जिम्मा है, वे अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं। अलबत्ता, मॉनीटरिंग कमेटी को गुमराह किया गया है। ऐसे में इन संस्थाओं के उच्चाधिकारियों को कार्य में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। 

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250 से 300 लीटर पानी की प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हो रही है सप्लाई 
रिपोर्ट में कहा गया कि कालासिंघिया ड्रेन सहित राज्य के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट का निरीक्षण करने के दौरान पाया गया कि सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की क्षमता से ज्यादा पानी प्लांट तक पहुंच रहा है, इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल सप्लाई निर्धारित मानकों के हिसाब से की जाए। इसके चलते कमेटी ने 250 से 300 लीटर पेयजल की सप्लाई में कटौती कर 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन करने को कहा है। कमेटी ने पहले चरण में लुधियाना और जालंधर में पानी की सप्लाई में कटौती करने की बात कही है। इसके बाद पूरे प्रदेश में इसी पैटर्न पर पेयजल की सप्लाई को सुनिश्चित किया जाएगा। कमेटी का मानना है कि इससे पीने वाले पानी का संरक्षण तो होगा ही, साथ ही सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट पर दबाव भी कम होगा तथा नए सीवरेज प्लांट लगाने पर होने वाले करोड़ों रुपए भी बचेंगे।

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अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई 
कमेटी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लुधियाना के बुड्ढा नाले में अवैध तरीके से धकेले जा रहे गंदे पानी की सभी निकासियों को तत्काल बंद करने के लिए कहा है, साथ ही ताजपुर रोड पर निकासियों की गलत रिपोॄटग करने वाले असिस्टैंट एन्वायरोमैंट इंजीनियर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। इसी कड़ी में लुधियाना नगर निगम, पंजाब डायर एसोसिएशन द्वारा अवैध पानी की निकासी के लिए कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है। वहीं, पंजाब वाटर सीवरेज सप्लाई बोर्ड के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, सब डिवीजनल इंजीनियर और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, सब डिवीजनल इंजीनियर पर मॉनीटरिंग कमेटी को गुमराह करने की वजह से सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई है।

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सतलुज में ‘ई’ तो ब्यास में ‘सी’ क्वालिटी का हो जाता है पानी
रिपोर्ट में बताया गया है कि सतलुज में प्रदूषण का स्तर इतना ऊंचा है कि कई जगह नदी के पानी की क्वालिटी ‘ई’ श्रेणी की है। सतलुज दरिया जब पंजाब में दाखिल होता है तो उसकी वाटर क्वालिटी ‘बी’ श्रेणी की होती है, लेकिन पंजाब में कीरतपुर साहिब तक आकर यह ‘सी’ क्वालिटी का हो जाता है। वहीं, बुड्ढा नाले और ईस्ट बेई से मिलने पर इसकी गुणवत्ता बेहद खराब यानी ‘ई’ दर्जे की हो जाती है। कुछ ऐसी ही हालत ब्यास दरिया की है। पंजाब में दाखिल होने से पहले ब्यास नदी का पानी ‘बी’ श्रेणी का होता है और मुकेरियां तक आते-आते यह ‘सी’ क्वालिटी का हो जाता है। 

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पंजाब एफ्यूलैंट ट्रीटमैंट सोसायटी से 25 लाख वसूले पी.पी.सी.बी.
जालंधर के लैदर काम्पलैक्स में कॉमन एफ्यूलैंट ट्रीटमैंट प्लांट के सही तरीके से काम न करने को लेकर भी मॉनीटरिंग कमेटी ने सख्त तेवर दिखाए हैं। इस बाबत कमेटी ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पंजाब एफ्यूलैंट ट्रीटमैंट सोसायटी से 25 लाख रुपए परफार्मैंस गारंटी वसूलने को कहा है। इसी कड़ी में जालंधर बाईपास पर स्थित दोआबा को-ऑप्रेटिव से 10 लाख रुपए एन्वायरमैंटल कंपन्सेशन वसूलने को कहा गया है। वहीं, जालंधर की कई औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण फैलाने के कारण इनकी मंजूरियों को रद्द करने के निर्देश दिए हैं।

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364 करोड़ रुपए की योजना से रियूज होगा ट्रीटेड वेस्ट वाटर
रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब सरकार जल्द ही ट्रीट किए गए प्रदूषित पानी को रियूज करेगी। इसके लिए सॉयल एंड वाटर कंजर्वेशन विभाग करीब 364 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इस बाबत करीब 269 करोड़ रुपए की योजना भारत सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई है। वहीं, करीब 95 करोड़ रुपए की योजना को पंजाब सरकार ने मंजूरी दी है। यह फंड अगले वित्तीय वर्ष में उपलब्ध होंगे।

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बुड्ढा नाला और काली बेईं में छोड़ा जाएगा पानी
रिपोर्ट में कहा गया है कि जल स्रोत विभाग ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को ध्यान में रखते हुए काली बेईं में 300 क्यूसिक और बुड्ढा नाला में 200 क्यूसिक पानी छोडऩे का निर्णय लिया है। इस बाबत विभाग ने पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिस पर करीब 10 से 15 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है। 

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