Edited By Subhash Kapoor,Updated: 15 Feb, 2025 07:55 PM

गुरदासपुर के नजदीकी गांव खानोवाल की दो महिलाओं देवरानी व जेठानी ने अपनी जमीनें बेच कर दोनों बेटों को अमरीका भेजा था। अपने दोनों बेटों के डिपोर्ट होने का समाचार सुनते ही दोनों की आंखे नम व दुख में डूबी हुई हैं।
गुरदासपुर (विनोद): गुरदासपुर के नजदीकी गांव खानोवाल की दो महिलाओं देवरानी व जेठानी ने अपनी जमीनें बेच कर दोनों बेटों को अमरीका भेजा था। अपने दोनों बेटों के डिपोर्ट होने का समाचार सुनते ही दोनों की आंखे नम व दुख में डूबी हुई हैं।
इस संबंधी गांव खानोवाल जेठानी बलविन्द्र कौर तथा देवरानी गुरप्रीत कौर ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन, प्लाट और रिश्तेदारों से लाखों रुपए लेकर एक एजेंट को 45 लाख रुपए देकर अपने बेटों को अमेरिका भेजा था। इस अवसर पर गुरप्रीत कौर ने बताया कि वर्ष 2013 में उनके पति नरिंदर सिंह की मृत्यु के बाद उनके पिता जसवंत सिंह फौजी ने उनके बेटे हरजीत सिंह और बेटियों प्रभजोत कौर और राजवीर कौर का पालन-पोषण किया। मेरे पिता ने हमारे रहने के लिए जगह भी तैयार कर दी। गुरप्रीत कौर ने बताया कि मेरे बेटे ने अपने बेहतर भविष्य के निर्माण की चाहत में अमेरिका में रहने वाले गांव रुडियाना के एक एजेंट से मेरे बेटे व मेरी देवरानी के बेटे को अमेरिका ले जाने के लिए 45 लाख रुपए लिए थे। गुरप्रीत कौर ने कहा कि मैंने अपने बेटे हरजीत को अमेरिका भेजने के लिए अपनी दो एकड़ जमीन बेच दी थी और उसे 45 लाख रुपये में विदेश भेजा था। लेकिन आज जब हमारे बच्चे देश में वापिस आ रहे हैं तो हमें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। हमने अपनी ज़मीन भी बेच दी है। अब घर कैसे चलेगा यह ही गम सताए जा रहा है। उन्होने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि हमारी मदद करें।