Edited By Urmila,Updated: 19 Dec, 2025 03:09 PM

मोगा-बरनाला मुख्य मार्ग पर स्थित मल्लियां टोल प्लाजा एक बार फिर खून-खराबे का कारण बनता नजर आ रहा है।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि): मोगा-बरनाला मुख्य मार्ग पर स्थित मल्लियां टोल प्लाजा एक बार फिर खून-खराबे का कारण बनता नजर आ रहा है। आज सुबह घने कोहरे के चलते इस टोल प्लाजा पर एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें अमृतसर से सचखंड श्री हजूर साहिब जा रहे श्रद्धालुओं की 2 फॉर्च्यूनर गाड़ियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। हालांकि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन दोनों गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमृतसर से 2 परिवार अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ियों में सवार होकर श्री हजूर साहिब के लिए रवाना हुए थे। गाड़ियों को निर्मल सिंह और हैरी सिंह चला रहे थे। दोनों वाहनों में कुल 9 लोग सवार थे। जब ये गाड़ियां मल्लियां और बख्तगढ़ के बीच बने टोल प्लाजा के पास पहुंचीं, तो घने कोहरे के कारण टोल प्लाजा दिखाई नहीं दिया और गाड़ियां सीधी टकरा गईं।
यह कोई पहली घटना नहीं है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर भारी रोष और चर्चा है कि आखिर अमृतसर से चलने वाली गाड़ियां 170 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इसी टोल प्लाजा पर हादसे का शिकार क्यों होती हैं? उल्लेखनीय है कि महज दो दिन पहले भी इसी स्थान पर एक भीषण हादसा हुआ था, जिसमें तरनतारन के रहने वाले तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
टोल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही
मौके पर मौजूद लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि टोल प्लाजा प्रबंधन की गंभीर लापरवाही के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि:—
रोशनी की कमी: टोल प्लाजा पर लगी लाइटें बेहद मंद हैं, जो कोहरे में बिल्कुल दिखाई नहीं देतीं।
संकेतक चिन्हों का अभाव: हाईवे पर टोल प्लाजा से पहले कहीं भी रिफ्लैक्टर या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।
टूटे स्पीड ब्रेकर: टोल प्लाजा से पहले बने स्पीड ब्रेकर पूरी तरह टूट चुके हैं, जिसके कारण वाहनों की गति कम नहीं हो पाती।
हादसे की सूचना मिलते ही सड़क सुरक्षा फोर्स के ड्यूटी अधिकारी ए.एस.आई. अमरीक सिंह पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों की मदद की और यातायात को बहाल करवाया। बीते दिनों तीन मौतें होने के बावजूद टोल अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। यदि जल्द ही यहां सुरक्षा इंतजामों में सुधार नहीं किया गया, तो कोहरे के इस मौसम में और भी कई कीमती जानें जा सकती हैं। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस ‘मौत के प्लाजा’ पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
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