Edited By Vatika,Updated: 02 Aug, 2024 03:41 PM

उसकी जमीनी हकीकत यह है कि पूरे शहर के लिए सिर्फ
लुधियाना(हितेश): बरसाती मौसम में लुधियाना में डेंगू और डायरिया का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा डेंगू से निपटने को लेकर तैयारियां करने का जो दावा किया जा रहा है, उसकी जमीनी हकीकत यह है कि पूरे शहर के लिए सिर्फ 12 फॉगिंग मशीनें लगाई गई हैं। यहां बताना उचित होगा कि महानगर में अब तक डेंगू के 34 मामले सामने आ चुके हैं।
हालांकि इससे पहले नगर निगम व हैल्थ डिपार्टमैंट की ज्वाइंट टीमों द्वारा डोर टू डोर चैकिंग के दौरान लोगों को साफ पानी जमा न होने देने के लिए जागरूक करने के अलावा लारवा मिलने पर चालान काटने के लिए ड्राइव शुरू करने की बात डी.सी. द्वारा कही गई है। अब डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग शुरू करने की दलील नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा दी जा रही है लेकिन असलियत यह है कि पूरे शहर को कवर करने के लिए नगर निगम के पास सिर्फ 12 फॉगिंग मशीनें हैं, जिससे एक दिन में एक वार्ड के सभी हिस्सों में भी फॉगिंग होना मुमकिन नहीं है और अगर एक बार एक वार्ड में फॉगिंग की जाए तो उस वार्ड में दोबारा फॉगिंग की बारी एक हफ्ते बाद ही आएगी।
वाटर सप्लाई के सैंपल फेल होने से भी खुल चुकी है पोल
इससे पहले वाटर सप्लाई के सैंपल फेल होने से साफ हो गया है कि पटियाला व कपूरथला की तरह लुधियाना के लोगों पर डायरिया की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि 850 ट्यूबवैलों से क्लोरीरिन के बिना पानी की सप्लाई हो रही है। हालांकि इस पर पर्दा डालने के लिए नगर निगम द्वारा क्लोरीन की डोज बढ़ा दी गई है। इसी तरह वाटर सप्लाई के सैंपल फेल होने का ठीकरा लोगों पर ही फोड़ने के लिए पानी-सीवरेज की लाइन में लीकेज होने का हवाला दिया जा रहा है।