Edited By Subhash Kapoor,Updated: 11 Dec, 2025 10:54 PM

करोड़ों रुपए खर्च करके भी बुड्ढे नाले की हालत सुधारने की बजाय उसकी दुर्दशा ही की गई है, जबकि इससे लोगों को कोई राहत नहीं मिली है। शहर के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग बुड्ढे नाले के 14 किलोमीटर के हिस्से से बहने वाले जहरीले...
लुधियाना (सहगल): करोड़ों रुपए खर्च करके भी बुड्ढे नाले की हालत सुधारने की बजाय उसकी दुर्दशा ही की गई है, जबकि इससे लोगों को कोई राहत नहीं मिली है। शहर के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग बुड्ढे नाले के 14 किलोमीटर के हिस्से से बहने वाले जहरीले केमिकल वाले पानी से होने वाली अप्रत्यक्ष सामूहिक मानव क्षति को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
अपने लिखे पत्र में उन्होंने तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट में नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, पुराने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का अपग्रेडेशन, और नाले में प्रदूषण को रोकने के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास शामिल था ताकि सतलुज नदी में जाने से पहले पानी का ट्रीटमेंट किया जा सके। यह प्रोजेक्ट अमरूत और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राज्य सरकार (लगभग ₹392 करोड़) और केंद्र सरकार (₹258 करोड़) दोनों के योगदान से शुरू किया गया था। हालाँकि, अब प्रोजेक्ट का बजट और बढ़ा दिया गया है। परंतु स्थिति बहुत खराब हो गई है आवंटित फंड का ज़्यादातर हिस्सा बुद्ध नाले की ऊपरी तौर पर सौंदर्यीकरण पर बर्बाद कर दिया गया है। नाले की हालत बद से बदतर हो गई है। राजनीतिक और अफसर शाही की मिली भगत से बुड्ढे नाले के किनारों पर बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण किया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सिंचाई विभाग के अनुसार, नाले की मूल चौड़ाई 58 फीट थी, लेकिन इसे अवैध रूप से घटाकर 30 फीट कर दिया गया है और कुछ इलाकों में तो 20 फीट भी कर दिया गया है। सिंचाई विभाग ने इस मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पहले ही नगर आयुक्त, लुधियाना को पत्र लिखा है। चौड़ाई कम करने के बाद, नाले की गहराई दोगुनी कर दी गई है, जिससे भूमिगत पीने के पानी के स्रोत जहरीले हो गए हैं और हमें यह दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन, सत्ताधारी पार्टी के नेटवर्क और माफियाओं के प्रभाव में आकर, अलग-अलग डाइंग इंडस्ट्री, डेयरियां, दूसरी इंडस्ट्रियल यूनिट्स और सीवेज सिस्टम के ज़रिए बुड्ढा नाले में जो ज़हरीले केमिकल छोड़े जा रहे हैं। उन्होंने शहर के करीब 3 लाख लोगों को मौत के कगार पर ला दिया है। लोग जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे हैं, इलाज के लिए अपने घर और सामान बेच रहे हैं, जबकि कई लोग बिना इलाज के मर रहे हैं। बुड्ढा नाले का यह खतरनाक केमिकल वाला पानी न सिर्फ पंजाब के मालवा इलाके को बर्बाद कर चुका है, बल्कि राजस्थान के बड़े इलाकों को भी दूषित कर चुका है। यह इंसानियत के सामूहिक विनाश का एक गंभीर मामला है, जिसे पंजाब सरकार नज़रअंदाज़ कर रही है और हमें मौत की तरफ धकेल रही है।
आज लोगों को लुधियाना म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा पीने के पानी की सप्लाई के लिए लगाए गए बड़ी संख्या में ट्यूबवेल और सबमर्सिबल पंपों के कारण ज़हरीला ज़मीन का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस दूषित पानी से इलाके के लोगों में कैंसर, दिल की बीमारियाँ, किडनी फेलियर और कई जानलेवा बीमारियाँ हो रही हैं इस इलाके के पानी के सैंपल एक बार भी ज़रूरी स्टैंडर्ड पर खरे नहीं उतरे हैं। मैं सबूत के तौर पर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, लुधियाना की रिपोर्ट साथ में भेज रहा हूँ। उन्होने इसानियत के इस सामूहिक विनाश को रोकने और लोगों को धीरे-धीरे और दर्दनाक मौत से बचाने के लिए जल्दी कार्रवाई करने का अनुरोध किया ताकि बुड्ढे नाले के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन को बचाया जा सके।