मुख्यमंत्री के आदेशों को नहीं मान रहे तहसीलदार व नायब तहसीलदार, जानें कारनामा

Edited By Kalash,Updated: 18 Mar, 2025 12:26 PM

tehsildars not following order

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ से सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों सहित सब-रजिस्ट्रारों के तबादले दूर दराज के इलाके जो 250 से 300 किलोमीटर दूर हैं कर दिए गए हैं

अमृतसर (नीरज): मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ से सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों सहित सब-रजिस्ट्रारों के तबादले दूर दराज के इलाके जो 250 से 300 किलोमीटर दूर हैं कर दिए गए हैं, लेकिन लगता है कि अभी भी जिले के तहसीलदार व नायब तहसीलदार मुख्यमंत्री के आदेश मानने को तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं कि सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों व दफ्तरों के नाम पंजाबी भाषा (गुरमुखी लिपी) में लिखे जाएं, लेकिन तहसीलदार वन अमृतबीर सिंह, तहसीलदार टू पुनीत बांसल, सब-रजिस्ट्रार थ्री सहित अन्य अधिकारियों के दफ्तरों के बाहर तो अधिकारियों के नेम प्लेट तक नहीं लगाए गए हैं। नायब तहसीलदार वन और नायब तहसीलदार टू के दफ्तर के बाहर पंजाबी भाषा के बजाय अंग्रेजी भाषा में एैग्जीक्यूटिव मैजिस्ट्रेट वन और टू लिखा हुआ है और अधिकारियों के नाम की नेम प्लेट ही नहीं है यही हाल सब-रजिस्ट्रार दफ्तर वन और टू का है।

नेम प्लेट न होने के कारण धक्के खाते फिरते हैं लोग

मुख्यमंत्री की तरफ से की गई कार्रवाई के बाद वैसे तो उन भ्रष्ट तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों में खौफ का माहौल है, जो रिश्वत के बिना काम ही नहीं करते हैं, लेकिन अपने दफ्तरों के बाहर से नेम प्लेट ना लगाने का काम करके शायद विजीलैंस विभाग से बचने का प्रयास कर रहे हैं। आम जनता जो तहसीलों व सब-तहसीलों में तहसीलदार वन, तहसीलदार टू और अन्य अधिकारियों को मिलने के लिए जाती है। उनको परेशान होना पड़ता है क्योंकि अधिकारियों के दफ्तरों के बाहर नेम प्लेट नहीं लगी होती इसके चलते कई बार लोग दलालों के शिकंजे में फंस जाते हैं और मोटी रिश्वत देने को मजबूर हो जाते हैं।

बिना वजह सजा भुगत रहे जिले के कुछ तहसीलदार व सब-रजिस्ट्रार

वैसे तो माल विभाग में भ्रष्ट अधिकारियों की काफी चर्चा रहती है, लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री की तरफ से की गई कार्रवाई में कुछ ऐसे तहसीलदार भी हैं, जो बिना वजह सरकार की सजा भुगत रहे हैं। इन तहसीलदारों में जगसीर सिंह मित्तल, तहसीलदार हरकरम सिंह रंधावा, सब-रजिस्ट्रार अंकुश अंगुराल, नायब तहसीलदार अर्चना शर्मा व नायब तहसीलदार अजय कुमार मोदगिल के नाम शामिल हैं। अमृतसर की तहसील में जिस भ्रष्ट महिला तहसीलदार ने भ्रष्टाचार फैलाया हुआ था उस पर अभी तक कोई विजीलैंस कार्रवाई नहीं हुई है।

पंजाबी भाषा संबंधी क्या हैं सरकार के आदेश

पंजाब सरकार की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं कि सभी सरकारी दफ्तरों, विभागों, संस्थाओं, शैंक्षणिक संस्थाओं, बोर्ड, निगम, गैर-सरकारी संस्थाओं, पब्लिक व प्राइवेट दुकानों और व्यापारिक संस्थाओं आदि के नाम सड़कों के नाम, पट्टियों के मील पत्त्थर व साइन बोर्ड आदि पंजाबी भाषा में लिखे होने चाहिए यदि किसी अन्य भाषा में नाम लिखना जरुरी हो तो वह पंजाबी में लिखे गए नाम से नीचे होनी चाहिए।

पंजाब राज भाषा शोध एक्ट 2021 तहत होगी कार्रवाई

जिला भाषा अफसर डा. सुरेश मेहता ने बताया कि सरकार की तरफ से पंजाबी भाषा संबंधी सख्त आदेश हैं और सरकार के आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ पंजाब राज भाषा शोध एक्ट 2021 के तहत कानूनी कार्रवाई व जुर्माना किया जाएगा। सभी नागरिकों को कर्तव्य बनता है कि अपनी राज भाषा का सम्मान करें।

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