Edited By Kalash,Updated: 02 Jan, 2025 03:08 PM
अगर आप भी टी-बैग से बनी चाय पीने के शौकीन हैं तो आपको लिए बड़ी खबर सामने आई है।
पंजाब डेस्क: अगर आप भी टी-बैग से बनी चाय पीने के शौकीन हैं तो आपको लिए बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना से संबंधित वैज्ञानिकों ने इसे लेकर एक अध्ययन में हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। रिसर्च में पता चला है कि पॉलिमर-आधारित टी-बैग गर्म पानी में डालने के बाद लाखों माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक के कण छोड़ते है।
वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि टी-बैग द्वारा छोड़े गए प्लास्टिक के ये बारीक कण हमारी आंतों की कोशिकाओं द्वारा सोखे जा सके हैं। इसके बाद ये खून में दाखिल होने के बाद पूरे शरीर में फैल सकते हैं। रिपोर्ट में सामने आया है कि टी-बैग आमतौर पर नायलॉन-6, पॉलीप्रोपाइलीन और सेल्युलोज जैसी सामग्रियों से बने होते हैं। जब इन टी-बैग्स को गर्म पानी में डाला जाता है तो इनमें से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक के महीन कण निकलते हैं, जो हमारे शरीर में दाखिल हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने इन कणों की परख इंसानों की आंतों की कोशिकाओं पर भी की तो देखा ताकि देखा जा सके कि वह कैसे प्रक्रिया करते हैं। उन्होंने देखा कि बलगम बनाने वाली कोशिकाओं ने सबसे ज्यादा कणों और नैनोप्लास्टिक को सोखा और कुछ कण कोशिकाओं के अंदर भी चले गए।
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