Edited By Kalash,Updated: 04 Mar, 2025 05:17 PM

ऐसी किसी भी स्थिति से बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
संगरूर : अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट संगरूर अमित बांबी ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (बी.एन.एस.एस), 2023 की धारा 163 के तहत प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिला संगरूर की सीमा के भीतर साइबर कैफे के मालिकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेशों में कहा गया है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति जिसकी पहचान कैफे के मालिक द्वारा नहीं की गई हो, साइबर कैफे का उपयोग करने पर रोक लगाई जाए। साइबर कैफे में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करने वाले व्यक्ति की पहचान दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर रखा जाना चाहिए।
साइबर कैफे पर आने वाले या उसका उपयोग करने वाले व्यक्ति की पहचान उसके पहचान पत्र, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड आदि देखकर की जानी चाहिए। साइबर कैफे में उपस्थित व्यक्ति अपना नाम, घर का पता, टेलीफोन नंबर और पहचान का प्रमाण मैन्युअल रूप से दर्ज करेगा और रजिस्टर पर हस्ताक्षर करेगा। आदेशों में यह भी कहा गया है कि यदि साइबर कैफे के मालिक को वहां आने वाले किसी भी व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध लगती है तो वह संबंधित पुलिस थाने को सूचित करेगा।
आदेशों में कहा गया है कि संगरूर जिले में कई दुकानें और व्यावसायिक स्थान बन रहे हैं, जिन्हें साइबर कैफे के नाम से जाना जाता है। कई लोग इन स्थानों पर ईमेल और अन्य सुविधाओं का उपयोग करने के लिए जाते हैं और कुछ असामाजिक तत्व, आतंकवादी और अपराधी भी इन सुविधाओं का उपयोग सुरक्षा/जांच एजेंसियों को गुमराह करने, जनता में डर पैदा करने और आम जनता को धोखा देने के लिए करते हैं। इनका उपयोग निजी और सरकारी संस्थानों की सुरक्षा को खतरे में डालकर तथा आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देकर राज्य की सुरक्षा को सीधे प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है। इसलिए मानव जीवन को खतरों और ऐसी किसी भी स्थिति से बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। ये आदेश 25 अप्रैल 2025 तक प्रभावी रहेंगे।
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