America से डिपोर्ट के बाद पंजाब में शुरू हुआ सख्त Action...अब नहीं खैर

Edited By Vatika,Updated: 07 Feb, 2025 12:48 PM

strict action against america deport agent

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हर पंजाबी की दर्दभरी कहानी है। जी हां, अमेरिका जाने के लिए किसी ने अपनी

पंजाब डेस्कः अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हर पंजाबी की दर्दभरी कहानी है। जी हां, अमेरिका जाने के लिए किसी ने अपनी जमीन गिरवी रखी, किसी ने लोन लिया तो किसी ने अपने घर के गहने गिरवी रख दिए, लेकिन फिर भी अमेरिका का सपना पूरा नहीं हो सका। इनमें से एक हैं दलेर सिंह, जो 60 लाख रुपए लगाकर अमेरिका गए थे। वहीं अब दलेर सिंह की शिकायत पर अमृतसर में एजेंट सतनाम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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जानकारी  के अनुसार दलेर सिंह अमृतसर के सीमावर्ती कस्बे अजनाला तहसील के सलेमपुरा गांव के निवासी हैं। वह भी अपने और अपने परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिए अमेरिका गए थे, लेकिन एक एजेंट की धोखाधड़ी का शिकार हो गए। इस बीच NRI मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने दलेर सिंह से मुलाकात की और एजेंट सतनाम सिंह के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सभी फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दलेर ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि एजेंट सतनाम सिंह ने उनके साथ बहुत बड़ा  धोखा किया है। उन्हें  1 नंबर में अमेरिका भेजने के लिए 60  लाख दिए गए थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह डंकी के जरिए भी अमेरिका पहुंच जाएंगे।इस यात्रा के दौरान उन्हें 4 महीने तक कष्ट सहना पड़ा और 20 दिन अमेरिका की जेल में भी बिताने पड़े। क्योंकि उसे अमेरिका की सेना ने पकड़ लिया था और अब उस पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। दलेर ने कहा कि जब हमें पकड़ा गया तो उन्होंने कहा कि वे हमें छोड़ देंगे, लेकिन जब हम अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचे तो पता चला कि हमें भारत छोड़ने की बात गई कही  थी।

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वहीं  कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि मोदी सरकार को अमरीका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लाने के लिए अमरीका स्थित भारतीय दूतावासों की मदद लेनी चाहिए। धालीवाल ने कहा कि जिस तरह से युवा अपने घर पहुंचे और बताया कि उन्हें हाथ बांधकर और पैरों में जंजीरें डालकर विमान में चढ़ाया गया, यह बहुत दुखद बात है। उन्होंने कहा कि अमरीका से अमृतसर की उड़ान करीब 17-18 घंटे की है, वह भी यात्री विमान में नहीं बल्कि सैन्य मालवाहक विमान में और ऊपर से हथकड़ी और जंजीरें बंधी हों, इससे बड़ी यातना और कुछ नहीं हो सकती।  उन्होंने कहा कि ये युवा काम करने के लिए अमरीका गए थे लेकिन उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर को अमरीकी सरकार को यह संदेश देना चाहिए कि अगर हमारे किसी भारतीय को वापस भेजा जाना है तो उसे अमरीका स्थित हमारे दूतावासों को सौंप दें और हम स्वयं उसकी देश वापसी की व्यवस्था कर देंगे।

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