सिद्धू को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी, चर्चाओं का बाजार गर्म

Edited By Vatika,Updated: 25 Nov, 2020 08:38 AM

sidhu may get important responsibility

मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने एक बार फिर लंच डिप्लोमैसी का सहारा लिया है। इस बार पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दोपहर के खाने पर मेहमान होंगे।

चंडीगढ़/पटियाला(अश्वनी, धवन, राजेश पंजौला): मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने एक बार फिर लंच डिप्लोमैसी का सहारा लिया है। इस बार पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दोपहर के खाने पर मेहमान होंगे। बताया जा रहा है कि मुलाकात मुख्यमंत्री के सिसवां फार्म हाऊस पर होगी। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल के मुताबिक बैठक दौरान मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच राज्य की सियासत और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक परिदृश्य संबंधी बातचीत होने की संभावना है।

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उधर, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बैठक सिद्धू को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल करने की कवायद है। संभव है कि बैठक में सिद्धू को दी जाने वाली जिम्मेदारी पर विस्तारपूर्वक चर्चा हो ताकि रजामंदी के बाद ही घोषणा की जाए। कै. अमरेंद्र और सिद्धू के बीच टकराव के बाद यह पहला मौका है जब दोनों आमने-सामने बैठने जा रहे हैं। 10 जून, 2019 को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू मोगा रैली में नजर आए थे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में मोगा में राजनीतिक मंच से किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद की थी। हालांकि रैली दौरान ही सिद्धू कैबिनेट मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा से उलझ गए थे जिस कारण एक बार फिर कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके चलते राहुल गांधी की रैलियों से नदारद भी रहे। हालांकि किसानों के मुद्दे पर सिद्धू लगातार मुखर रहे और कांग्रेसी नेताओं के साथ राजनीतिक मंच भी सांझा किए। 

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गुटबाजी खत्म करने की कोशिशों में जुटे हैं रावत
उधर, कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत से भी सिद्धू की नजदीकियां लगातार सुर्खियां बनती रही हैं। रावत लगातार पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी को खत्म करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। कहा जा रहा है कि रावत की लगातार कोशिशों ने भी मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच पैदा खटास को कम किया है। यही वजह है कि सिद्धू के प्रति कैप्टन का रवैया भी बदला है। लंच डिप्लोमैसी भी इसी बदले माहौल का हिस्सा है। पंजाब विधानसभा के आम चुनाव चाहे 2022 में होने हैं परन्तु पंजाब में कांग्रेस अपने घर को एकजुट करने में जुट गई है। कैप्टन तथा सिद्धू के एक-दूसरे के निकट आने से यही संदेश राज्य के लोगों को दिया जाएगा। दूसरी ओर पंजाब में अगले चुनावों में चूंकि भाजपा ने सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लडऩे हैं इसलिए भी पार्टी राज्य में अपने घर को एकजुट करने में लग गई है।

कैप्टन-सिद्धू मिलनी से कई मंत्रियों में मची हलचल
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा नवजोत सिंह सिद्धू के बीच होने वाली मिलनी को लेकर कई मंत्रियों में हलचल मच गई है। सभी मंत्रियों की निगाहें कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की तरफ  लगी हुई हैं क्योंकि अगर मुख्यमंत्री द्वारा सिद्धू को उनका पुराना विभाग लौटाया जाता है तो उस स्थिति में कई अन्य मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होना तय है। कहा जा रहा है कि कैप्टन 1-2 अन्य मंत्रियों की कारगुजारी से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए वह उनके विभागों में फेरबदल कर सकते हैं परन्तु इस संबंध में वह कांग्रेस हाईकमान के साथ भी बातचीत करेंगे। दोनों नेताओं की बैठक के बाद यह तय होगा कि सिद्धू को कब मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है।

हाईकमान बनाना चाहती है डिप्टी सी.एम.
सूत्रों के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू की लोकप्रियता का पूरे हिंदुस्तान में लाभ लेने के लिए कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को पंजाब का डिप्टी सी.एम. बनाना चाहती है। अगर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपनी बात पर स्टैंड रहते हैं और वह सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग नहीं देते तो हाईकमान सिद्धू को डिप्टी सी.एम. बनाने के लिए भी दबाव बना सकती है। हाईकमान किसी भी हालत में सिद्धू को खोना नहीं चाहती। 

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