होली को लेकर लोगों में भारी उत्साह, बाजारों में सजी दुकानें

Edited By Kalash,Updated: 05 Mar, 2023 10:03 AM

shops decorated in markets for holi

होली के पवित्र त्यौहार पर बिकने वाले सामान जो पहले काफी मात्रा में चीन से आयात होता था

रूपनगर : होली के पवित्र त्यौहार पर बिकने वाले सामान जो पहले काफी मात्रा में चीन से आयात होता था। इस बार भारतीयों द्वारा इसे पूरी तरह से नकार दिया गया है, जिससे जहां चीनी उत्पाद मार्कीट से गायब हैं वहीं भारतीय होली के हर्बल रंग तथा पिचकारियां आदि धड़ल्ले से बिक रही हैं।

जानकारी अनुसार भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बाद होली को लेकर कन्फेडरेशन आल इंडिया ट्रैडर्स (कैट) ने भी चीन को भारी झटका दिया है। सूत्रों अनुसार कोरोना के बाद इस बार लगभग 25 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होली पर होने का अनुमान है और ऐसा माना जाता है कि लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का कारोबार चीन भारत में कर लेता था जोकि इस बार न के बराबर है।

इस बार होली का त्यौहार पूरे भारत वर्ष में 8 मार्च को मनाया जा रहा है, जिसको लेकर आजकल बाजारों में दुकानें सजनी शुरू हो गई हैं तथा बच्चों के आकर्षण के लिए कई आकर्षित डिजाइनों में पिचकारी, मुखौटे, रंग, जंबों गुब्बारे भी दुकानदारों ने सजाकर रखे हैं। होली को लेकर आजकल बाजारों में खरीदारों की भी भीड़ बढ़ रही है। बाजार से मिली जानकारी अनुसार इस बार मार्कीट में भारतीय हर्बल रंगों का बोलबाला है और लोग कैमिकल रंगों को नकार रहे हैं।

इस संबंध में एक दुकानदार ने बताया कि भारतीय पिचकारी 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तथा अन्य बेहतर पिचकारियां 500 रुपए तक उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त कलर स्प्रे 25 रुपए से लेकर 100 रुपए तक, मुखौटे 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक, गुलाल 20 रुपए से लेकर 150 रुपए तक के पैकेट, लाल हरा रंग 20 रुपए से लेकर 100 रुपए तक तथा गुब्बारे 25 रुपए से लेकर 70-80 रुपए तक प्रति पैकेट बिक रहे हैं।

रासायनिक रंगों से करें गुरेज

इस संबंध में सूत्र बताते हैं कि भारत में निर्मित आर्गेनिक रंगों के अतिरिक्त कुछ लोग चंद पैसों के खातिर घटिया रंग भी बेच रहे हैं, जिससे लोगों को सावधान रहना जरूरी है, रासायनिक रंगों के इस्तेमाल से बचना चाहिए, क्योंकि रासायनिक रंगों के कारण व्यक्ति के स्वास्थ्य, आंखों, चमड़ी आदि पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

इस संबंध में शहर के बुद्धिजीवियों ने लोगों से अपील की है कि होली के लिए आर्गेनिक तथा बिना कैमिकल के तैयार किए गए रंगों का ही प्रयोग करें।

होली भाईचारे का प्रतीक, जबरन रंग लगाने से करें गुरेज

इस संबंध में समाजसेवी मदन गुप्ता, नीरू गुप्ता, आर.के. भल्ला, नीलम भल्ला ने कहा कि होली का पर्व आपसी भाईचारे का प्रतीक है तथा भाईचारे को बनाए रखने के लिए किसी के साथ जबरन रंग नहीं लगाना चाहिए तथा शगुन के तौर पर उसकी माथे पर तिलक करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि घरेलू पालतू जानवरों पर भी रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

 


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!