लोग दें ध्यान! ट्रैफिक चालानों को लेकर लिया गया बड़ा फैसला

Edited By Kalash,Updated: 03 May, 2025 06:49 PM

decision regarding traffic challans

जिला रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) में ट्रैफिक चालानों के निपटारे को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लिया गया है।

जालंधर (चोपड़ा): जिला रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) में ट्रैफिक चालानों के निपटारे को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लिया गया है। बीते कुछ महीनों से चालान भुगतने के लिए आरटीओ कार्यालय में उमड़ती आम लोगों की भीड़ और बढ़ते दबाव को देखते हुए अब पुराने ट्रैफिक चालानों को सीधे डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कोर्ट को सौंपा जा रहा है। इस बदलाव का उद्देश्य न सिर्फ कामकाज को अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है, बल्कि उन भ्रष्टाचार के रास्तों को भी बंद करना है, जिनके जरिए एजेंट वर्षों से लाभ उठाते रहे हैं।

इस संबंध में ए.आर.टी.ओ. विशाल गोयल ने बताया कि आर.टी.ओ. बलबीर राज सिंह के दिशा -निर्देशों के अनुरूप आर.टी.ओ. कार्यालय ने बीते एक सप्ताह के भीतर करीब 22,300 ट्रैफिक चालानों को जब्त किए गए दस्तावेजों समेत जिला अदालत को सौंप दिया है। विशाल गोयल ने कहा कि अब यदि किसी वाहन चालक को अपना पेंडिंग ट्रैफिक चालान निपटाना है।

आखिर आरटीओ ने क्यों लिया यह फैसला?

आर.टी.ओ. के अनुसार विभाग में पिछले कई वर्षों से जमा पुराने चालान एक बड़ी सिरदर्दी बन चुके थे। इन चालानों का रिकॉर्ड संभालना, उन्हें ट्रेस करना और फिर उनके भुगतान की प्रक्रिया को पूरा करना, ये सभी काम विभागीय स्टाफ की कार्यक्षमता को प्रभावित कर रहे थे। आर.टी.ओ. बलबीर राज सिहं का कहना है कि अधिकांश ऑफलाइन चालानों को ट्रैक करने में बहुत समय लग जाता था, जिससे दफ्तर का अन्य जरूरी काम प्रभावित हो रहा था। इसके अलावा लोगों को भी लंबा इंतजार करना पड़ता था और इसी स्थिति का फायदा एजैंट उठाते थे, जो आम नागरिकों से अवैध पैसे लेकर चालान निपटाने का दावा करते थे।

वहीं वर्षों से यह शिकायत रही है कि चालान भुगतने की प्रक्रिया में कई एजैंट और बिचौलिए सक्रिय रहते हैं, जो आम नागरिकों को भ्रमित कर उनसे मोटी फीस वसूलते हैं। अब जब चालान सीधे अदालत में भेजे जाएंगे और वहीं से भुगतान होगा, तो ऐसे तत्वों की भूमिका स्वतः समाप्त हो जाएगी। यह बदलाव सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने और आम आदमी को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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पुलिस अब भी भेजेगी चालान, लेकिन आर.टी.ओ. करेगा फॉरवर्ड

आर.टी.ओ. ने यह स्पष्ट किया है कि ट्रैफिक पुलिस अब भी चालान पहले की तरह आर.टी.ओ. कार्यालय को भेजेगी, लेकिन आर.टी.ओ. अब इन चालानों को लंबित रखने के बजाय उन्हें प्रतिदिन की आधार पर सीधे कोर्ट को फॉरवर्ड कर दिया करेगा।

केवल ऑनलाइन चालानों का निपटारा करेगा आर.टी.ओ.

ए.आर.टी.ओ. विशाल गोयल ने बताया कि अब आर.टी.ओ. कार्यालय केवल ऑनलाइन ट्रैफिक चालानों के निपटारे की प्रक्रिया में शामिल रहेगा। जबकि सभी ऑफलाइन, नए, पुराने या विवादित चालान अब सीधे अदालत के अधीन रहेंगे। इससे दोनों प्रक्रियाओं में स्पष्ट अंतर बना रहेगा और लोगों को यह भी तय करने में आसानी होगी कि उन्हें किस कार्यालय से संपर्क करना है।

इस बदलाव से यह भी उम्मीद है कि चालान भुगतने की दर में सुधार आएगा। पहले कई बार ऐसा देखा गया था कि वाहन चालक चालान भुगतने में जानबूझकर देरी करते थे या एजैंट्स के भरोसे छोड़ देते थे। अब जब चालान अदालत के अधीन होंगे तो न केवल यह कानूनी रूप से अधिक प्रभावशाली प्रक्रिया होगी।

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