Edited By Vatika,Updated: 27 Aug, 2025 03:52 PM

रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) के अधीन आते ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट सेंटर में आज सुबह से
जालंधर(चोपड़ा) : रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) के अधीन आते ऑटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट सेंटर में आज सुबह से ही बदइंतजामी का माहौल रहा। ट्रैक पर लगे कैमरे खराब हो गए और नतीजा यह हुआ कि सैकड़ों लोगों के ड्राइविंग टैस्ट लगातार दूसरे दिन नहीं हो सके। लोग सुबह से अपनी बारी का इंतजार करते रहे, लेकिन शाम तक निराश होकर बैरंग लौटना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि विगत कल भारी बारिश के चलते सेंटर में ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह बंद रखे गए थे। हालांकि कुछ देर बारिश बंद होने के बावजूद ट्रैक पर तैनात डेटा एंट्री ऑपरेटर का आवेदकों को तर्क था कि अगर बारिश में कैमरे और सैंसर चालू किए तो खराब हो सकते हैं, इसलिए लाइसैंस बनाने को लेकर ैंस्ट नहीं लिए जाएंगे। लेकिन आज सुबह जब बारिश थमी और कैमरे चालू किए गए तो वे पूरी तरह से काम करना बंद कर चुके थे।जिस पर लाइसैंस बनाने आए गुस्साए लोगों का बड़ा सवाल था कि अगर कल कैमरे बंद रखे गए थे तो आज वह खराब कैसे हो गए? शाम तक कैमरों को बदलने का काम जारी रहा, लेकिन विभाग की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया। आवेदकों का कहना था कि हमारा वक्त, पैसा और मेहनत सब बर्बाद हो गया, लेकिन प्रशासन ने सिर्फ तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर चुप्पी साध ली।
आवेदकों की नाराज़गी: “हर बार नई दिक्कत”
ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट लेकर दूर-दराज इलाकों से आए आवेदकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। कई लोगों ने कहा कि वे अपने काम-धंधे छोड़कर यहां पहुंचे थे, लेकिन सेंटर पर पहुंचते ही उन्हें दो टूक जवाब मिलता है कि आज टैस्ट नहीं होंगे। एक आवेदक रजनीश कुमार ने गुस्से में कहा कि जालंधर में ही हज़ारों घरों के बाहर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हैं, वे बारिश-धूप सब कुछ झेलते हैं और सालों तक खराब नहीं होते। फिर ड्राइविंग ट्रैक पर लगे कैमरे आए दिन क्यों खराब हो जाते हैं? एक अन्य युवक जसमीत सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि यहां लोगों को लाइसैंस देने से ज्यादा, परेशान करने की व्यवस्था बनी हुई है। हर बार कभी सर्वर डाऊन, कभी कैमरे खराब, आखिर विभागीय गलतियों का खामियाजा कब तक जनता भुगतेगी?
सुरक्षा से खिलवाड़ : करीब 30 फीट ऊंचे टावर पर बिना सेफ्टी उपकरण पहनाए चढ़ा दिया युवक
सबसे चौंकाने वाली तस्वीर तब सामने आई जब सैंटर में खराब कैमरे बदलने के लिए एक युवक को 30 फुट ऊंचे टावर पर चढ़ा दिया गया। हैरानी इस बात की है कि उसके पास कोई सेफ्टी बेल्ट, हैलमेट या सुरक्षा उपकरण नहीं थे। लोगों ने इसे देखकर सवाल उठाया कि अगर कोई हादसा हो जाता तो जिम्मेदार कौन होगा?