Edited By Vatika,Updated: 13 Mar, 2021 02:44 PM

श्री मुक्तसर साहिब से पूर्व विधायक और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैंबर सुखदर्शन सिंह मराड़ की शनिवार को कोरोना से मौत हो गई।
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): श्री मुक्तसर साहिब से पूर्व विधायक और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैंबर सुखदर्शन सिंह मराड़ की शनिवार को कोरोना से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह करीब 4 दिनों से फरदीकोट के अस्पताल में भर्ती थे। सांस लेने में तकलीफ़ होने बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन आज उन्होंने दम तोड़ दिया। मौत की खबर पता चलते ही इलाके में शोक की लहर फैल गई।
उल्लेखनीय है कि सुखदर्शन सिंह मराड़ पंजाब की राजनीति में उस समय अलग पहचान रखने लगे थे जब उन्होंने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडक़र पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ को हराया था। सुखदर्शन सिंह मराड़ 2002 में पहली बार श्री मुक्तसर साहिब में विधायक चुने गए थे। वह आजाद तौर पर चुनाव लड़े और उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी हरचरण सिंह बराड़ पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब और शिरोमणि अकाली दल के भाई हरनिरपाल सिंह कुक्कू को हराया था। 2002 में कांग्रेस की सरकाकर बनने पर वह कैप्टन अमरेंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2007 के विधान सभा चुनाव से पहले वह फ्रि से अकालकी दल में शामिल हुए और शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा।
लेकिन वह पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ के बेटे कंवरजीत सिंह बराड़ से हार गए। 2011 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधकीय कमेटी के वह शिरोमणि अकाली दल की ओj से चुनाव लड़े और वह मुक्तसर से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधकीय कमेटी के सदस्य चुने गए। 2012 के विधान सभा चुनाव में वह चुनाव नहीं लड़े लेकिन अकाली दल की मदद की। 2017 के चुूनाव में वह फिर से अकाली दल से अलग हो गए और आजाद तौर पर चुनाव लड़ा। लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए। 2017 के विधान सभा चुनाव के बाद वह कांग्रेस के लिए ही काम करते नजर आए। उनका एक पौत्र भी कांग्रेस की ओर से ही ब्लाक समिति सदस्य है। सुखदर्शन सिंह मराड़ निधडक़ नेता के तौर पर जाने जाते थे। मराड़ लोक नेता के तौर पर जाने जाते थे। वह मुक्तसर के ऐसे पहले विधायक थे जिन्होंने लोगों की समस्याओं के हल के लिए शहर में दफ्तर खोला था।