बाढ़ कारण अन्नदाता को दोबारा न बनना पड़े भिखारी : संत सीचेवाल

Edited By Vatika,Updated: 26 Feb, 2020 08:28 AM

sant seechewal

पिछले समय दौरान सतलुज दरिया के धुस्सी बांध में दरार पडऩे के बाद इलाका गिद्दड़पिंडी, सुलतानपुर लोधी और जालंधर जिले के कुछ गांव बड़ी मुसीबत में घिर गए थे।

जालंधर (जसबीर): पिछले समय दौरान सतलुज दरिया के धुस्सी बांध में दरार पडऩे के बाद इलाका गिद्दड़पिंडी, सुलतानपुर लोधी और जालंधर जिले के कुछ गांव बड़ी मुसीबत में घिर गए थे। इस बाढ़ से उक्त इलाकों के करीब 25 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए थे। इस तबाही को देखते हुए इलाकों के लोगों और बाढ़ रोकू लोक समिति ने यह संकल्प लिया था कि वे संत सीचेवाल के नेतृत्व में इलाके को बाढ़ से मुक्त करेंगे। 

लोगों ने यह बात अच्छी तरह समझ ली थी कि यदि इलाके को बाढ़ से बचाना है तो दरिया के बांध को 3 गुना चौड़ा और 7 से 8 फुट के करीब और ऊंचा करना पड़ेगा। लोगों को यह बात भी अच्छी तरह समझ आ चुकी थी कि इसमें सरकार से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती, इसलिए उन्होंने खुद ही यह काम करने के लिए कमर कस ली। बांध को चौड़ा करने में जुटे लोगों के रहनुमा संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि संगत के सहयोग से यह सेवा 31 जनवरी को शुरू हुई थी। यह सेवा का कार्य दिन-रात चल रहा है। अब तक सेवा का पहला पड़ाव मुकम्मल हो चुका है।

इसमें 5 बड़ी चेन वाली मशीनें, 2 जे.सी.बी. और 60 के करीब ट्रैक्टर-ट्रालियां लगी हुई हैं। सतलुज दरिया का बांध गिद्दड़पिंडी से नसीरपुर तक मिट्टी डाल कर 30 फुट के करीब चौड़ा किया जा चुका है। इसी तरह मोगा और फिरोजपुर जिले की हद में पड़ते बांधों को भी चौड़ा और ऊंचा किया जा रहा है। संत सीचेवाल और सेवा में जुटे समिति के नेता कुलविंदर सिंह ने बताया कि इस सेवा में कई एन.आर.आइज ने सहयोग दिया है। उन्होंने संगत से अपील की कि इस सेवा कार्य में बढ़-चढ़कर योगदान डालें। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान हमने अन्नदाता को भिखारी बनते देखा है। हम वाहेगुरु के आगे अरदास करते हैं कि हमें दोबारा वह मंजर न देखना पड़े। 

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