Edited By Subhash Kapoor,Updated: 03 Jul, 2025 05:36 PM

नजदीकी गांव संगतपुरा में जल स्रोत विभाग (नहरी विभाग) के रेस्ट हाउस की 29 कनाल 18 मरले ज़मीन पर 22 साल बाद विभाग ने कब्जा छुड़वाने में सफलता हासिल की है।
लहरागागा (गर्ग): नजदीकी गांव संगतपुरा में जल स्रोत विभाग (नहरी विभाग) के रेस्ट हाउस की 29 कनाल 18 मरले ज़मीन पर 22 साल बाद विभाग ने कब्जा छुड़वाने में सफलता हासिल की है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जल स्रोत विभाग के एस.डी.ओ. आरियन अनेजा ने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 1998 में उक्त रेस्ट हाउस की ज़मीन कुछ शर्तों के साथ खुले नीलामी के ज़रिए बेची गई थी, जिसे गांव संगतपुरा के एक किसान ने 13 लाख 51 हजार रुपये में खरीदा था।
लेकिन किसान ने विभाग की शर्तों के अनुसार सिर्फ 6 लाख 80 हजार रुपये ही अदा किए और बाकी की रकम जमा नहीं करवाई, जिस कारण विभाग ने वर्ष 2003 में उस नीलामी को रद्द कर दिया। इसके बावजूद संबंधित किसान ने ज़मीन का कब्जा नहीं छोड़ा। इस मामले में वर्ष 2013 में माननीय उप-मंडल मजिस्ट्रेट की अदालत ने विभाग के हक में फैसला सुनाया, फिर भी किसान ने ज़मीन खाली नहीं की।
विभाग ने समय-समय पर कब्जा लेने की कई कोशिशें कीं लेकिन सभी नाकाम रहीं। वर्ष 2020 में किसान माननीय हाईकोर्ट चला गया, मगर हाईकोर्ट ने भी किसान पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए फैसला विभाग के पक्ष में ही दिया।
एस.डी.ओ. आर्यन अनेजा के मुताबिक विभाग ने वर्ष 2013 से अब तक करीब 25 बार उक्त ज़मीन पर दोबारा कब्जा लेने की कोशिश की, लेकिन विभिन्न जत्थेबंदियों के विरोध के कारण वे सफल नहीं हो पाए। आज ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार प्रवीन कुमार छिब्बड़, डी.एस.पी. लहरा दीपिंदरपाल सिंह जे.जी., डी.एस.पी. संजीव सिंगला के नेतृत्व में विभाग ने कार्रवाई करते हुए ज़मीन पर कब्जा कर लिया और चारों ओर कांटेदार तार लगाकर विभाग का बोर्ड भी लगा दिया।
बोर्ड पर स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि यह ज़मीन नहरी विभाग की है और इसमें बिना अनुमति प्रवेश करना सख्त मना है, ऐसा करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एस.डी.ओ. ने कहा कि विभाग की ज़मीन पर अब किसी को भी अवैध कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। इस पूरी कार्रवाई के दौरान थाना सदर के इंचार्ज इंस्पेक्टर करमजीत सिंह, जसकरण सिंह जिलेदार और विभाग का फील्ड स्टाफ भी मौजूद थे।
यह उल्लेखनीय है कि आज कब्जा लेने की कार्रवाई के दौरान किसी की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया, लेकिन पुलिस की ओर से डी.एस.पी. दीपिंदरपाल सिंह जे.जी., संजीव सिंगला और इंस्पेक्टर करमजीत सिंह की अगुआई में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। कब्जा लेने के बाद विभाग ने उस ज़मीन पर बोई गई फसल को भी नष्ट कर दिया।
