Edited By Kalash,Updated: 19 Jun, 2022 11:20 AM
संगरूर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के दौरान सभी पार्टियों के उम्मीदवारों
लुधियाना (हितेश): संगरूर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के दौरान सभी पार्टियों के उम्मीदवारों द्वारा अपनी जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है लेकिन अगर पिछले 20 साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो सिर्फ एक बार सरकारी उम्मीदवार को जीत मिली है। यहां बताना उचित होगा कि संगरूर लोकसभा सीट पर 2014 व 2019 में लगातार दो बार आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद भगवंत मान द्वारा इस्तीफा देने की वजह से अब उपचुनाव हो रहे हैं।
इन चुनाव में कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान धुरी सीट पर भगवंत मान के साथ मुकाबला करने वाले दलबीर गोल्डी को उम्मीदवार बनाया गया है और भाजपा ने दो बार कांग्रेस के विधायक व पिछली बार लोकसभा के उम्मीदवार रहे केवल सिंह ढिल्लो को टिकट दी गई है। जहां तक अकाली दल का सवाल है उसके द्वारा बंदी सिंहों की रिहाई के मुद्दे पर बलवंत सिंह राजोआना की बहन को मैदान में उतारा गया है और सिमरनजीत मान एक बार फिर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ रहे हैं।
इन सबके मुकाबले में आम आदमी पार्टी द्वारा अपने साधारण कार्यकर्ता गुरमेल सिंह पर दाव लगाया गया है। जहां तक चुनाव प्रचार अभियान का सवाल है सुखबीर बादल, राजा वडिंग व भाजपा के छोटे बड़े नेताओं की तरह भगवंत मान ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए खुद मोर्चा संभाला हुआ है और जीत का दावा कर रहे हैं। लेकिन संगरूर लोकसभा सीट का इतिहास इसके बिल्कुल उल्ट है क्योंकि पिछले 20 साल के दौरान सिर्फ एक बार ही सरकारी उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है। जो रिकार्ड अकाली दल के सुरजीत सिंह बरनाला के नाम है और उसके अलावा सभी चुनाव के दौरान राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी का विरोधी उम्मीदवार ही सांसद बना है। अब देखना यह है कि इस बार पिछला रिकार्ड टूटेगा या कायम रहेगा।
यह रहें हैं एम.पी.
- सुरजीत सिंह बरनाला : 1996, 1998
- सिमरनजीत मान : 1999
- सुखदेव सिंह ढींडसा : 2004
- विजय इंद्र सिंगला : 2009
- भगवंत मान : 2014, 2019
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